Sri ramcharitmanas shashth sopan lanka kand chapter 1 to 8 (श्रीरामचरितमानस षष्ठ सोपान  लङ्काकाण्ड  अध्याय 1 से 8 :1. लंकाकाण्ड मंगलाचरण 2. नल-नील द्वारा पुल बाँधना, श्री रामजी द्वारा श्री रामेश्वर की स्थापना 3. श्री रामजी का सेना सहित समुद्र पार उतरना, सुबेल पर्वत पर निवास, रावण की व्याकुलता 4. रावण को मन्दोदरी का समझाना, रावण-प्रहस्त संवाद 5. सुबेल पर श्री रामजी की झाँकी और चंद्रोदय वर्णन 6. श्री रामजी के बाण से रावण के मुकुट-छत्रादि का गिरना 7. मन्दोदरी का फिर रावण को समझाना और श्री राम की महिमा कहना 8. अंगदजी का लंका जाना और रावण की सभा में अंगद- रावण संवाद)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (षष्ठ सोपान) (लङ्काकाण्ड) Sri ramcharitmanas shashth sopan lanka kand chapter 1 to 8 (श्रीरामचरितमानस षष्ठ सोपान  लङ्काकाण्ड  अध्याय 1 से 8 : 1. लंकाकाण्ड मंगलाचरण 2. नल-नील द्वारा पुल बाँधना, श्री रामजी द्वारा श्री रामेश्वर की स्थापना 3. श्री रामजी का सेना सहित समुद्र पार उतरना, सुबेल पर्वत … Read more

Sri ramcharitmanas pancham sopan sundar kand chapter 13 to 19 (श्रीरामचरितमानस पंचम सोपान सुन्दर कांड   अध्याय 12 से 19 :12. समुद्र के इस पार आना, सबका लौटना, मधुवन प्रवेश, सुग्रीव मिलन, श्री राम-हनुमान् संवाद 13. श्री रामजी का वानरों की सेना के साथ चलकर समुद्र तट पर पहुँचना 14. मंदोदरी-रावण संवाद 15. रावण को विभीषण का समझाना और विभीषण का अपमान 16. विभीषण का भगवान् श्री रामजी की शरण के लिए प्रस्थान और शरण प्राप्ति 17. समुद्र पार करने के लिए विचार, रावणदूत शुक का आना और लक्ष्मणजी के पत्र को लेकर लौटना 18. दूत का रावण को समझाना और लक्ष्मणजी का पत्र देना 19. समुद्र पर श्री रामजी का क्रोध और समुद्र की विनती, श्री राम गुणगान की महिमा)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (पंचम सोपान) (सुन्दर कांड) Sri ramcharitmanas pancham sopan sundar kand chapter 13 to 19 (श्रीरामचरितमानस पंचम सोपान सुन्दर कांड   अध्याय 13 से 19 :   13. श्री रामजी का वानरों की सेना के साथ चलकर समुद्र तट पर पहुँचना 14. मंदोदरी-रावण संवाद 15. रावण को विभीषण का समझाना … Read more

Sri ramcharitmanas pancham sopan sundar kand chapter 1 to 12  (श्रीरामचरितमानस पंचम सोपान सुन्दर कांड   अध्याय 1 से 12  :1. सुंदरकाण्ड मंगलाचरण 2. हनुमान्जी का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेंट, छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध 3. लंका वर्णन, लंकिनी वध, लंका में प्रवेश 4. हनुमान्-विभीषण संवाद 5. हनुमान्जी का अशोक वाटिका में सीताजी को देखकर दुःखी होना और रावण का सीताजी को भय दिखलाना 6. श्री सीता-त्रिजटा संवाद 7. श्री सीता-हनुमान् संवाद 8. हनुमान्जी द्वारा अशोक वाटिका विध्वंस, अक्षय कुमार वध और मेघनाद का हनुमान्जी को नागपाश में बाँधकर सभा में ले जाना 9. हनुमान्-रावण संवाद 10. लंकादहन 11. लंका जलाने के बाद हनुमान्जी का सीताजी से विदा माँगना और चूड़ामणि पाना 12. समुद्र के इस पार आना, सबका लौटना, मधुवन प्रवेश,)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (पंचम सोपान) (सुन्दर कांड) Sri ramcharitmanas pancham sopan sundar kand chapter 1 to 12  (श्रीरामचरितमानस पंचम सोपान सुन्दर कांड   अध्याय 1 से 12  : 1. सुंदरकाण्ड मंगलाचरण 2. हनुमान्जी का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेंट, छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध 3. लंका वर्णन, लंकिनी वध, लंका … Read more

Sri ramcharitmanas chaturth sopan kishkindha kand chapter 8 to 12 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान किष्किंधा कांड   अध्याय 8 से  12 : 8. शरद ऋतु वर्णन 9. श्री राम की सुग्रीव पर नाराजी, लक्ष्मणजी का कोप 10. सुग्रीव-राम संवाद और सीताजी की खोज के लिए बंदरों का प्रस्थान 11. गुफा में तपस्विनी के दर्शन, वानरों का समुद्र तट पर आना, सम्पाती से भेंट और बातचीत 12. समुद्र लाँघने का परामर्श, जाम्बवन्त का हनुमान्जी को बल याद दिलाकर उत्साहित करना, श्री राम-गुण का माहात्म्य)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (चतुर्थ सोपान) (किष्किंधा कांड) Sri ramcharitmanas chaturth sopan kishkindha kand chapter 8 to 12 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान किष्किंधा कांड   अध्याय 8 से  12 : 8. शरद ऋतु वर्णन 9. श्री राम की सुग्रीव पर नाराजी, लक्ष्मणजी का कोप 10. सुग्रीव-राम संवाद और सीताजी की खोज के लिए बंदरों … Read more

Sri ramcharitmanas chaturth sopan kishkindha kand chapter 1 to 7 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान किष्किंधा कांड   अध्याय 1 से  7 :1. किष्किन्धाकाण्ड मंगलाचरण 2. श्री रामजी से हनुमानजी का मिलना और श्री राम- सुग्रीव की मित्रता 3. सुग्रीव का दुःख सुनाना, बालि वध की प्रतिज्ञा, श्री रामजी का मित्र लक्षण वर्णन 4. सुग्रीव का वैराग्य 5. बालि-सुग्रीव युद्ध, बालि उद्धार, तारा का विलाप 6. तारा को श्री रामजी द्वारा उपदेश और सुग्रीव का राज्याभिषेक तथा अंगद को युवराज पद 7. वर्षा ऋतु वर्णन)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (चतुर्थ सोपान) (किष्किंधा कांड) Sri ramcharitmanas chaturth sopan kishkindha kand chapter 1 to 7 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान किष्किंधा कांड   अध्याय 1 से  7 : 1. किष्किन्धाकाण्ड मंगलाचरण 2. श्री रामजी से हनुमानजी का मिलना और श्री राम- सुग्रीव की मित्रता 3. सुग्रीव का दुःख सुनाना, बालि वध की … Read more

Sri ramcharitmanas tritiye sopan aranya kand chapter 10 to 16 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान अरण्य कांड  अध्याय 10 से 16 : 10. मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना, सीताजी द्वारा लक्ष्मण को भेजना 11. श्री सीताहरण और श्री सीता विलाप 12. जटायु-रावण युद्ध, अशोक वाटिका में सीताजी को रखना 13. श्री रामजी का विलाप, जटायु का प्रसंग, कबन्ध उद्धार 14. शबरी पर कृपा, नवधा भक्ति उपदेश और पम्पासर की ओर प्रस्थान 15. नारद-राम संवाद 16. संतों के लक्षण और सत्संग भजन के लिए प्रेरणा)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (तृतीय सोपान) (अरण्य कांड) Sri ramcharitmanas tritiye sopan aranya kand chapter 10 to 16 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान अरण्य कांड  अध्याय 10 से 16 : 10. मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना, सीताजी द्वारा लक्ष्मण को भेजना 11. श्री सीताहरण और श्री सीता विलाप 12. … Read more

Sri ramcharitmanas tritiye sopan aranya kand chapter 1 to 9 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान अरण्य कांड  अध्याय 1 से 9 :1. अरण्यकाण्ड मंगलाचरण 2. जयंत की कुटिलता और फल प्राप्ति 3. अत्रि मिलन एवं स्तुति 4. श्री सीता-अनसूया मिलन और श्री सीताजी को अनसूयाजी का पतिव्रत धर्म कहना 5. श्री रामजी का आगे प्रस्थान, विराध वध और शरभंग प्रसंग 6. राक्षस वध की प्रतिज्ञा करना, सुतीक्ष्णजी का प्रेम, अगस्त्य मिलन, अगस्त्य संवाद 7. राम का दंडकवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास और श्री राम-लक्ष्मण संवाद 8. शूर्पणखा की कथा, शूर्पणखा का खरदूषण के पास जाना और खरदूषणादि का वध 9. शूर्पणखा का रावण के निकट जाना, श्री सीताजी का अग्नि प्रवेश और माया सीता)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (तृतीय सोपान) (अरण्य कांड) Sri ramcharitmanas tritiye sopan aranya kand chapter 1 to 9 (श्रीरामचरितमानस तृतीय सोपान अरण्य कांड  अध्याय 1 से 9 : 1. अरण्यकाण्ड मंगलाचरण 2. जयंत की कुटिलता और फल प्राप्ति 3. अत्रि मिलन एवं स्तुति 4. श्री सीता-अनसूया मिलन और श्री सीताजी को अनसूयाजी … Read more

Sri ramcharitmanas dvitiye sopan ayodhya kand chapter 43 to 48 (श्रीरामचरितमानस द्वितीय सोपान अयोध्या कांड  अध्याय 43 से 48 : -43.कौसल्या सुनयना-संवाद, श्री सीताजी का शील 44. जनक-सुनयना संवाद, भरतजी की महिमा 45. जनक-वशिष्ठादि संवाद, इंद्र की चिंता, सरस्वती का इंद्र को समझाना 46. श्री राम-भरत संवाद 47. भरतजी का तीर्थ जल स्थापन तथा चित्रकूट भ्रमण 48.भरतजी का अयोध्या लौटना, भरतजी द्वारा पादुका की स्थापना, नन्दिग्राम में निवास और श्री भरतजी के चरित्र श्रवण की महिमा)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (द्वितीय सोपान) (अयोध्या कांड) Sri ramcharitmanas dvitiye sopan ayodhya kand chapter 43 to 48 (श्रीरामचरितमानस द्वितीय सोपान अयोध्या कांड  अध्याय 43 से 48 : –43.कौसल्या सुनयना-संवाद, श्री सीताजी का शील 44. जनक-सुनयना संवाद, भरतजी की महिमा 45. जनक-वशिष्ठादि संवाद, इंद्र की चिंता, सरस्वती का इंद्र को समझाना 46. श्री … Read more

Sri ramcharitmanas dvitiye sopan ayodhya kand chapter 39 to 42 (श्रीरामचरितमानस द्वितीय सोपान अयोध्या कांड  अध्याय 39 से 42 :-39. वनवासियों द्वारा भरतजी की मंडली का सत्कार, कैकेयी का पश्चाताप 40. श्री वशिष्ठजी का भाषण 41. श्री राम-भरतादि का संवाद 42. जनकजी का पहुँचना, कोल किरातादि की भेंट, सबका परस्पर मिलाप)

 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (द्वितीय सोपान) (अयोध्या कांड) Sri ramcharitmanas dvitiye sopan ayodhya kand chapter 39 to 42 (श्रीरामचरितमानस द्वितीय सोपान अयोध्या कांड  अध्याय 39 से 42 :-39. वनवासियों द्वारा भरतजी की मंडली का सत्कार, कैकेयी का पश्चाताप 40. श्री वशिष्ठजी का भाषण 41. श्री राम-भरतादि का संवाद 42. जनकजी का पहुँचना, … Read more

Sri ramcharitmanas dvitiye sopan ayodhya kand chapter 32 to 38 (श्रीरामचरितमानस द्वितीय सोपान अयोध्या कांड  अध्याय 32 से 38 : -32. भरतजी का प्रयाग जाना और भरत-भरद्वाज संवाद 33. भरद्वाज द्वारा भरत का सत्कार 34. इंद्र-बृहस्पति संवाद 35. भरतजी चित्रकूट के मार्ग में 36. श्री सीताजी का स्वप्न, श्री रामजी को कोल-किरातों द्वारा भरतजी के आगमन की सूचना, रामजी का शोक, लक्ष्मणजी का क्रोध 37. श्री रामजी का लक्ष्मणजी को समझाना एवं भरतजी की महिमा कहना 38. भरतजी का मन्दाकिनी स्नान, चित्रकूट में पहुँचना, भरतादि सबका परस्पर मिलाप, पिता का शोक और श्राद्ध)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (द्वितीय सोपान) (अयोध्या कांड) Sri ramcharitmanas dvitiye sopan ayodhya kand chapter 32 to 38 (श्रीरामचरितमानस द्वितीय सोपान अयोध्या कांड  अध्याय 32 से 38 : – 32. भरतजी का प्रयाग जाना और भरत-भरद्वाज संवाद 33. भरद्वाज द्वारा भरत का सत्कार 34. इंद्र-बृहस्पति संवाद 35. भरतजी चित्रकूट के मार्ग में … Read more

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