Sri ramcharitmanas shashth sopan lanka kand chapter 25 to 36(श्रीरामचरितमानस षष्ठ सोपान लङ्काकाण्ड अध्याय 25 से 36:-25. रावण का विभीषण पर शक्ति छोड़ना, रामजी का शक्ति को अपने ऊपर लेना, विभीषण-रावण युद्ध 26. रावण-हनुमान् युद्ध, रावण का माया रचना, रामजी द्वारा माया नाश 27. राम रावण घोरयुद्ध, रावण की मूर्च्छा 28. त्रिजटा-सीता संवाद 29. रावण का मूर्च्छा टूटना, राम-रावण युद्ध, रावण वध, सर्वत्र जयध्वनि 30. मन्दोदरी-विलाप, रावण की अन्त्येष्टि क्रिया 31. विभीषण का राज्याभिषेक 32. हनुमान्जी का सीताजी को कुशल सुनाना, सीताजी का आगमन और अग्नि परीक्षा 33. देवताओं की स्तुति, इंद्र की अमृत वर्षा 34. विभीषण की प्रार्थना, श्री रामजी के द्वारा भरतजी की प्रेमदशा का वर्णन, शीघ्र अयोध्या पहुँचने का अनुरोध 35. विभीषण का वस्त्राभूषण बरसाना और वानर-भालुओं का उन्हें पहनना 36. पुष्पक विमान पर चढ़कर श्री सीता-रामजी का अवध के लिए प्रस्थान, श्री रामचरित्र की महिमा)
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (षष्ठ सोपान) (लङ्काकाण्ड) Sri ramcharitmanas shashth sopan lanka kand chapter 25 to 36(श्रीरामचरितमानस षष्ठ सोपान लङ्काकाण्ड अध्याय 25 से 36:- 25. रावण का विभीषण पर शक्ति छोड़ना, रामजी का शक्ति को अपने ऊपर लेना, विभीषण-रावण युद्ध 26. रावण-हनुमान् युद्ध, रावण का माया रचना, रामजी द्वारा माया नाश 27. … Read more