Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 1(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  प्रथम अध्याय प्रयागमें सूतजीसे मुनियोंका तुरंत पापनाश करनेवाले साधनके विषयमें प्रश्न)

(श्रीपुराणपुरुषोत्तमाय नमः) (श्रीगणेशाय नमः) Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 1(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  प्रथम अध्याय प्रयागमें सूतजीसे मुनियोंका तुरंत पापनाश करनेवाले साधनके विषयमें प्रश्न) आद्यन्तमङ्गलमजातसमानभाव-मार्यं तमीशमजरामरमात्मदेवम् । पञ्चाननं प्रबलपञ्चविनोदशीलं सम्भावये मनसि शङ्करमम्बिकेशम् ॥   जो आदि और अन्तमें (तथा मध्यमें भी) नित्य मंगलमय हैं, जिनकी समानता अथवा तुलना कहीं भी नहीं है, जो आत्माके स्वरूपको प्रकाशित करनेवाले … Read more

Shiv puran mahima chapter 6 or 7 (श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 6 और सात शिवपुराणके श्रवणकी विधि तथा श्रोताओंके पालन करनेयोग्य नियमोंका वर्णन)

Shiv puran mahima chapter 6 or 7 (श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 6 और सात शिवपुराणके श्रवणकी विधि तथा श्रोताओंके पालन करनेयोग्य नियमोंका वर्णन) (अध्याय 6 और सात) :-शौनकजी कहते हैं- महाप्राज्ञ व्यासशिष्य सूतजी ! आपको नमस्कार है। आप धन्य हैं, शिवभक्तोंमें श्रेष्ठ हैं। आपके महान् गुण वर्णन करनेयोग्य हैं। अब आप कल्याणमय शिवपुराणके श्रवणकी विधि बतलाइये, … Read more

Shiv puran mahima chapter 5 (श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 5 चंचुलाके प्रयत्नसे पार्वतीजीकी आज्ञा पाकर तुम्बुरुका विन्ध्यपर्वतपर शिवपुराणकी कथा सुनाकर बिन्दुगका पिशाचयोनिसे उद्धार करना तथा उन दोनों दम्पतिका शिवधाममें सुखी होना)

Shiv puran mahima chapter 5 (श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 5 चंचुलाके प्रयत्नसे पार्वतीजीकी आज्ञा पाकर तुम्बुरुका विन्ध्यपर्वतपर शिवपुराणकी कथा सुनाकर बिन्दुगका पिशाचयोनिसे उद्धार करना तथा उन दोनों दम्पतिका शिवधाममें सुखी होना) (अध्याय 5)   :-सूतजी बोले-शौनक ! एक दिन परमानन्दमें निमग्न हुई चंचुलाने उमादेवीके पास जाकर प्रणाम किया और दोनों हाथ जोड़कर वह उनकी स्तुति करने … Read more

Shiv puran mahima chapter 4(श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 4 चंचुलाकी प्रार्थनासे ब्राह्मणका उसे पूरा शिवपुराण सुनाना और समयानुसार शरीर छोड़कर शिवलोकमें जा चंचुलाका पार्वतीजीकी सखी एवं सुखी होना)

Shiv puran mahima chapter 4(श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 4 चंचुलाकी प्रार्थनासे ब्राह्मणका उसे पूरा शिवपुराण सुनाना और समयानुसार शरीर छोड़कर शिवलोकमें जा चंचुलाका पार्वतीजीकी सखी एवं सुखी होना) (अध्याय 4) :-ब्राह्मण बोले- नारी ! सौभाग्यकी बात है कि भगवान् शंकरकी कृपासे शिव-पुराणकी इस वैराग्ययुक्त कथाको सुनकर तुम्हें समयपर चेत हो गया है। ब्राह्मणपत्नी ! तुम डरो … Read more

Shiv puran mahima chapter 2 or 3(श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 2-3 शिवपुराणके श्रवणसे देवराजको शिवलोककी प्राप्ति तथा चंचुलाका पापसे भय एवं संसार से वैराग्य)

Shiv puran mahima chapter 2 or 3(श्री शिवपुराण-माहात्म्य अध्याय 2 or 3 शिवपुराणके श्रवणसे देवराजको शिवलोककी प्राप्ति तथा चंचुलाका पापसे भय एवं संसार से वैराग्य)  (अध्याय 2)   :-श्रीशौनकजीने कहा-महाभाग सूतजी ! आप धन्य हैं, परमार्थ-तत्त्वके ज्ञाता हैं, आपने कृपा करके हमलोगोंको यह बड़ी अद्भुत एवं दिव्य कथा सुनायी है। भूतलपर इस कथाके समान कल्याणका … Read more

Shiv puran mahima chapter 1(श्री शिवपुराण-माहात्म्य प्रथम अध्याय:शौनकजी के साधन विषयक प्रश्न करने पर सूतजी का उन्हें शिवपुराण की उत्कृष्ट महिमा सुनाना)

(श्रीगणेशाय नमः) (श्रीशिवपुराण-माहात्म्य) “भवाब्धिमग्नं दीनं मां समुद्धर भवार्णवात्। कर्मग्राहगृहीताङ्गं दासोऽहं तव शङ्कर ।।”   Shiv puran mahima chapter 1(श्री शिवपुराण-माहात्म्य प्रथम अध्याय:शौनकजी के साधन विषयक प्रश्न करने पर सूतजी का उन्हें शिवपुराण की उत्कृष्ट महिमा सुनाना) (प्रथम अध्याय)   :-श्रीशौनकजी ने पूछा- महाज्ञानी सूतजी ! आप सम्पूर्ण सिद्धान्तों के ज्ञाता हैं। प्रभो! मुझसे पुराणों की … Read more

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