Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 27 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 27 पंचाक्षर-मन्त्रके जप तथा भगवान् शिवके भजन-पूजनकी महिमा, अग्निकार्यके लिये कुण्ड और वेदी आदिके संस्कार, शिवाग्निकी स्थापना और उसके संस्कार, होम, पूर्णाहुति, भस्मके संग्रह एवं रक्षणकी विधि तथा हवनान्तमें किये जानेवाले कृत्यका वर्णन)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 27 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 27 पंचाक्षर-मन्त्रके जप तथा भगवान् शिवके भजन-पूजनकी महिमा, अग्निकार्यके लिये कुण्ड और वेदी आदिके संस्कार, शिवाग्निकी स्थापना और उसके संस्कार, होम, पूर्णाहुति, भस्मके संग्रह एवं रक्षणकी विधि तथा हवनान्तमें किये जानेवाले कृत्यका वर्णन) :-उपमन्यु कहते हैं-यदुनन्दन ! कोई बड़ा भारी पाप … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 25 or 26 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 25 और 26 शिवपूजाकी विशेष विधि तथा शिव-भक्तिकी महिमा)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 25 or 26 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 25 or 26 शिवपूजाकी विशेष विधि तथा शिव-भक्तिकी महिमा)   :-उपमन्यु कहते हैं- यदुनन्दन ! दीपदानके बाद और नैवेद्य-निवेदनसे पहले आवरण-पूजा करनी चाहिये अथवा आरतीका समय आनेपर आवरणपूजा करे। वहाँ शिव या शिवाके प्रथम आवरणमें ईशानसे लेकर ‘सद्योजातपर्यन्त’ … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 24 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 24 शिवपूजनकी विधि)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 24 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 24 शिवपूजनकी विधि) :-उपमन्यु कहते हैं- यदुनन्दन ! विशुद्धिके लिये मूलमन्त्रसे गन्ध, चन्दनमिश्रित जलके द्वारा पूजास्थानका प्रोक्षण करना चाहिये। इसके बाद वहाँ फूल बिखेरे। अस्त्र-मन्त्र (फट्) का उच्चारण करके विघ्नोंको भगाये। फिर कवच-मन्त्र (हुम्) – से पूजास्थानको सब ओरसे अवगुण्ठित … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 21 to 23 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 21 to 23 अन्तर्याग अथवा मानसिक पूजाविधिका वर्णन)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 21 to 23 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 21 to 23 अन्तर्याग अथवा मानसिक पूजाविधिका वर्णन) :-तदनन्तर श्रीकृष्णके पूछनेपर नित्य- नैमित्तिक कर्म तथा न्यासका वर्णन करनेके पश्चात् उपमन्यु बोले- अब मैं पूजाके विधानका संक्षेपसे वर्णन करता हूँ। इसे शिवशास्त्रमें शिवने शिवाके प्रति कहा है। मनुष्य अग्निहोत्रपर्यन्त … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 20 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 20 योग्य शिष्यके आचार्यपदपर अभिषेकका वर्णन तथा संस्कारके विविध प्रकारोंका निर्देश)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 20 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 20 योग्य शिष्यके आचार्यपदपर अभिषेकका वर्णन तथा संस्कारके विविध प्रकारोंका निर्देश) :-उपमन्यु कहते हैं-यदुनन्दन ! जिसका इस प्रकार संस्कार किया गया हो और जिसने पाशुपत व्रतका अनुष्ठान पूरा कर लिया हो, वह शिष्य यदि योग्य हो तो गुरु उसका आचार्यपदपर … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 19 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 19 साधक-संस्कार और मन्त्र-माहात्म्यका वर्णन)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 19 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 19 साधक-संस्कार और मन्त्र-माहात्म्यका वर्णन) : -उपमन्यु कहते हैं-यदुनन्दन ! अब मैं साधक-संस्कार और मन्त्र-माहात्म्यका वर्णन करूँगा। इस बातकी सूचना मैं पहले दे चुका हूँ। पूर्ववत् मण्डलमें कलशपर स्थापित महादेवजीकी पूजा करनेके पश्चात् हवन करे। फिर नंगे सिर शिष्यको उस … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 18 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 18 षड्ध्वशोधन की विधि)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 18 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 18 षड्ध्वशोधन की विधि) उपमन्यु कहते हैं- यदुनन्दन ! तदनन्तर गुरुकी आज्ञा ले शिष्य स्नान आदि सम्पूर्ण कर्मको समाप्त करके शिवका चिन्तन करता हुआ हाथ जोड़ शिवमण्डलके समीप जाय। इसके बाद पूजाके सिवा पहले दिनका शेष सारा कृत्य नेत्रबन्धन- पर्यन्त … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 17 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 17 षड्ध्वशोधन की विधि)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 17 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 17 षड्ध्वशोधन की विधि) :-उपमन्यु कहते हैं-यदुनन्दन ! इसके बाद गुरु शिष्यकी योग्यताको देखकर उसके सम्पूर्ण बन्धनोंकी निवृत्तिके लिये षडध्वशोधन करे। कला, तत्त्व, भुवन, वर्ण, पद और मन्त्र – ये ही संक्षेपसे छः अध्वा कहे गये हैं। निवृत्ति * आदि … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 16 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 16 समय-संस्कार या समयाचारकी दीक्षाकी विधि)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 16 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 16 समय-संस्कार या समयाचारकी दीक्षाकी विधि) :-उपमन्यु कहते हैं-यदुनन्दन ! नाना प्रकारके दोषोंसे रहित शुद्ध स्थान और पवित्र दिनमें गुरु पहले शिष्यका ‘समय’ नामक संस्कार करे। गन्ध, वर्ण और रस आदिसे विधिपूर्वक भूमिकी परीक्षा करके वास्तु-शास्त्रमें बतायी हुई पद्धतिसे वहाँ … Read more

Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 15 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 15 त्रिविध दीक्षाका निरूपण, शक्तिपातकी आवश्यकता तथा उसके लक्षणोंका वर्णन, गुरुका महत्त्व, ज्ञानी गुरुसे ही मोक्षकी प्राप्ति तथा गुरुके द्वारा शिष्यकी परीक्षा)

[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 15 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 15 त्रिविध दीक्षाका निरूपण, शक्तिपातकी आवश्यकता तथा उसके लक्षणोंका वर्णन, गुरुका महत्त्व, ज्ञानी गुरुसे ही मोक्षकी प्राप्ति तथा गुरुके द्वारा शिष्यकी परीक्षा) :-श्रीकृष्ण बोले- भगवन् ! आपने मन्त्रका माहात्म्य तथा उसके प्रयोगका विधान बताया, जो साक्षात् वेदके तुल्य है। अब … Read more

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