Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 12(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 12 मोक्षदायक पुण्यक्षेत्रोंका वर्णन, कालविशेषमें विभिन्न नदियोंके जलमें स्नानके उत्तम फलका निर्देश तथा तीर्थोंमें पापसे बचे रहनेकी चेतावनी)

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 12(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 12 मोक्षदायक पुण्यक्षेत्रोंका वर्णन, कालविशेषमें विभिन्न नदियोंके जलमें स्नानके उत्तम फलका निर्देश तथा तीर्थोंमें पापसे बचे रहनेकी चेतावनी) (अध्याय 12) :-सूतजी बोले-विद्वान् एवं बुद्धिमान् महर्षियो ! मोक्षदायक शिवक्षेत्रोंका वर्णन सुनो। तत्पश्चात् मैं लोकरक्षाके लिये शिवसम्बन्धी आगमोंका वर्णन करूँगा। पर्वत, वन और काननोंसहित इस पृथ्वीका विस्तार पचास करोड़ … Read more

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 11(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 11 शिवलिंगकी स्थापना, उसके लक्षण और पूजनकी विधिका वर्णन तथा शिवपदकी प्राप्ति करानेवाले सत्कर्मोंका विवेचन)

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 11(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 11 शिवलिंगकी स्थापना, उसके लक्षण और पूजनकी विधिका वर्णन तथा शिवपदकी प्राप्ति करानेवाले सत्कर्मोंका विवेचन) (अध्याय 11)   :-ऋषियोंने पूछा- सूतजी ! शिवलिंगकी स्थापना कैसे करनी चाहिये ? उसका लक्षण क्या है? तथा उसकी पूजा कैसे करनी चाहिये, किस देश-कालमें करनी चाहिये और किस द्रव्यके द्वारा उसका … Read more

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 9(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 9महेश्वरका ब्रह्मा और विष्णुको अपने निष्कल और सकल स्वरूपका परिचय देते हुए लिंगपूजनका महत्त्व बताना)

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 9(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 9महेश्वरका ब्रह्मा और विष्णुको अपने निष्कल और सकल स्वरूपका परिचय देते हुए लिंगपूजनका महत्त्व बताना) (अध्याय 9)   :-नन्दिकेश्वर कहते हैं- तदनन्तर वे दोनों – ब्रह्मा और विष्णु भगवान् शंकरको प्रणाम करके दोनों हाथ जोड़ उनके दायें- बायें भागमें चुपचाप खड़े हो गये। फिर, उन्होंने वहाँ साक्षात् … Read more

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 3 or 4(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 3 और 4 साध्य-साधन आदिका विचार तथा श्रवण, कीर्तन और मनन- इन तीन साधनोंकी श्रेष्ठताका प्रतिपादन)

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 3 or 4(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 3 और 4 साध्य-साधन आदिका विचार तथा श्रवण, कीर्तन और मनन- इन तीन साधनोंकी श्रेष्ठताका प्रतिपादन)   (अध्याय 3 और 4)   :-व्यासजी कहते हैं – सूतजीका यह वचन सुनकर वे सब महर्षि बोले- ‘अब आप हमें वेदान्तसार-सर्वस्वरूप अद्भुत शिवपुराण- की कथा सुनाइये।’ सूतजीने कहा- … Read more

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 2(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 2 शिवपुराणका परिचय)

Shiv puran vidyeshwar samhita chapter 2(श्रीशिवमहापुराण विद्येश्वरसंहिता  अध्याय 2 शिवपुराणका परिचय) (अध्याय 2)    -सूतजी कहते हैं-साधु महात्माओ ! आपने बहुत अच्छी बात पूछी है। आपका यह प्रश्न तीनों लोकोंका हित करनेवाला है। मैं गुरुदेव व्यासका स्मरण करके आपलोगोंके स्नेहवश इस विषयका वर्णन करूँगा।   आप आदरपूर्वक सुनें। सबसे उत्तम जो शिवपुराण है, वह वेदान्तका … Read more

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