Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 11 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 11वर्णाश्रम-धर्म तथा नारी-धर्मका वर्णन; शिवके भजन, चिन्तन एवं ज्ञानकी महत्ताका प्रतिपादन)
[वायवीयसंहिता (उत्तरखण्ड)] Shiv puran vayu samhita uttar khand chapter 11 (शिव पुराण वायु संहिता अध्याय 11वर्णाश्रम-धर्म तथा नारी-धर्मका वर्णन; शिवके भजन, चिन्तन एवं ज्ञानकी महत्ताका प्रतिपादन) :-महादेवजी कहते हैं- देवेश्वरि ! अब मैं अधिकारी, विद्वान् एवं श्रेष्ठ ब्राह्मण-भक्तोंके लिये संक्षेपसे वर्ण-धर्मका वर्णन करता हूँ। तीनों काल स्नान, अग्निहोत्र, विधिवत् शिवलिंग-पूजन, दान, ईश्वर-प्रेम, सदा और सर्वत्र … Read more