Shiv puran uma samhita chapter 13 to 16 (शिव पुराण उमा संहिता अध्याय 13 से 16 वेद और पुराणोंके स्वाध्याय तथा विविध प्रकारके दानकी महिमा, नरकोंका वर्णन तथा उनमें गिरानेवाले पापोंका दिग्दर्शन, पापोंके लिये सर्वोत्तम प्रायश्चित्त शिवस्मरण तथा ज्ञानके महत्त्वका प्रतिपादन)
(उमासंहिता) Shiv puran uma samhita chapter 13 to 16 (शिव पुराण उमा संहिता अध्याय 13 से 16 वेद और पुराणोंके स्वाध्याय तथा विविध प्रकारके दानकी महिमा, नरकोंका वर्णन तथा उनमें गिरानेवाले पापोंका दिग्दर्शन, पापोंके लिये सर्वोत्तम प्रायश्चित्त शिवस्मरण तथा ज्ञानके महत्त्वका प्रतिपादन) :-सनत्कुमारजी कहते हैं-मुने ! जो वनमें जंगली फल-मूल खाकर तप करता है और … Read more