Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 43 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सती खंड अध्याय 43 भगवान् शिवका दक्षको अपनी भक्तवत्सलता, ज्ञानी भक्तकी श्रेष्ठता तथा तीनों देवताओंकी एकता बताना, दक्षका अपने यज्ञको पूर्ण करना, सब देवता आदिका अपने-अपने स्थानको जाना, सतीखण्डका उपसंहार और माहात्म्य)
(रुद्रसंहिता, द्वितीय (सती) खण्ड)) Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 43 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सती खंड अध्याय 43 भगवान् शिवका दक्षको अपनी भक्तवत्सलता, ज्ञानी भक्तकी श्रेष्ठता तथा तीनों देवताओंकी एकता बताना, दक्षका अपने यज्ञको पूर्ण करना, सब देवता आदिका अपने-अपने स्थानको जाना, सतीखण्डका उपसंहार और माहात्म्य) (अध्याय 43) ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! इस प्रकार … Read more