Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 41 to 43(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 41 से 43 हिमवान्द्वारा शिवकी बारातकी अगवानी तथा सबका अभिनन्दन एवं वन्दन, मेनाका नारदजीको बुलाकर उनसे बारातियोंका परिचय पाना तथा शिव और उनके गणोंको देखकर भयसे मूच्छित होना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 41 to 43(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 41 से 43 हिमवान्द्वारा शिवकी बारातकी अगवानी तथा सबका अभिनन्दन एवं वन्दन, मेनाका नारदजीको बुलाकर उनसे बारातियोंका परिचय पाना तथा शिव और उनके गणोंको देखकर भयसे मूच्छित होना) (अध्याय 41 से 43) :-ब्रह्माजी कहते हैं-तदनन्तर भगवान् … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 40 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 40 भगवान् शिवका बारात लेकर हिमालयपुरीकी ओर प्रस्थान)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 40 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 40 भगवान् शिवका बारात लेकर हिमालयपुरीकी ओर प्रस्थान) (अध्याय 40) :-ब्रह्माजी कहते हैं- मुने ! तदनन्तर भगवान् शम्भुने नन्दी आदि सब गणोंको अपने साथ हिमाचलपुरीको चलनेकी प्रसन्नतापूर्वक आज्ञा देते हुए कहा – ‘तुमलोग थोड़े-से गणोंको यहाँ रखकर … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 39 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 39 भगवान् शिवका नारदजीके द्वारा सब देवताओंको निमन्त्रण दिलाना, सबका आगमन तथा शिवका मंगलाचार एवं ग्रहपूजन आदि करके कैलाससे बाहर निकलना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 39 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 39 भगवान् शिवका नारदजीके द्वारा सब देवताओंको निमन्त्रण दिलाना, सबका आगमन तथा शिवका मंगलाचार एवं ग्रहपूजन आदि करके कैलाससे बाहर निकलना) (अध्याय 39) :-नारदजी बोले-विष्णुशिष्य महाप्राज्ञ तात विधातः ! आपको नमस्कार है। कृपानिधे ! आपके मुँहसे यह … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 37 or 38 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 37 और 38 हिमवान्‌का भगवान् शिवके पास लग्नपत्रिका भेजना, विवाहके लिये आवश्यक सामान जुटाना, मंगलाचारका आरम्भ करना, उनका निमन्त्रण पाकर पर्वतों और नदियोंका दिव्यरूपमें आना, पुरीकी सजावट तथा विश्वकर्माद्वारा दिव्यमण्डप एवं देवताओंके निवासके लिये दिव्यलोकोंका निर्माण करवाना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 37 or 38 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 37 और 38 हिमवान्‌का भगवान् शिवके पास लग्नपत्रिका भेजना, विवाहके लिये आवश्यक सामान जुटाना, मंगलाचारका आरम्भ करना, उनका निमन्त्रण पाकर पर्वतों और नदियोंका दिव्यरूपमें आना, पुरीकी सजावट तथा विश्वकर्माद्वारा दिव्यमण्डप एवं देवताओंके निवासके लिये दिव्यलोकोंका … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 34 to 36 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 34 से 36 सप्तर्षियोंके समझाने तथा मेरु आदिके कहनेसे पत्नीसहित हिमवान्‌का शिवके साथ अपनी पुत्रीके विवाहका निश्चय करना तथा सप्तर्षियोंका शिवके पास जा उन्हें सब बात बताकर अपने धामको जाना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 34 to 36 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 34 से 36 सप्तर्षियोंके समझाने तथा मेरु आदिके कहनेसे पत्नीसहित हिमवान्‌का शिवके साथ अपनी पुत्रीके विवाहका निश्चय करना तथा सप्तर्षियोंका शिवके पास जा उन्हें सब बात बताकर अपने धामको जाना) (अध्याय 34 से 36) :-ब्रह्माजी … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 32 or 33 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 32 और 33 मेनाका कोपभवनमें प्रवेश, भगवान् शिवका हिमवान्‌के पास सप्तर्षियोंको भेजना तथा हिमवान्द्वारा उनका सत्त्कार, सप्तर्षियों तथा अरुन्धतीका और महर्षि वसिष्ठका मेना और हिमवान्‌को समझाकर पार्वतीका विवाह भगवान् शिवके साथ करनेके लिये कहना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 32 or 33 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 32 और 33 मेनाका कोपभवनमें प्रवेश, भगवान् शिवका हिमवान्‌के पास सप्तर्षियोंको भेजना तथा हिमवान्द्वारा उनका सत्त्कार, सप्तर्षियों तथा अरुन्धतीका और महर्षि वसिष्ठका मेना और हिमवान्‌को समझाकर पार्वतीका विवाह भगवान् शिवके साथ करनेके लिये कहना) (अध्याय … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 31 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 31 देवताओंके अनुरोधसे वैष्णव ब्राह्मणके वेषमें शिवजीका हिमवान्‌के घर जाना और शिवकी निन्दा करके पार्वतीका विवाह उनके साथ न करनेको कहना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 31 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 31 देवताओंके अनुरोधसे वैष्णव ब्राह्मणके वेषमें शिवजीका हिमवान्‌के घर जाना और शिवकी निन्दा करके पार्वतीका विवाह उनके साथ न करनेको कहना) (अध्याय 31) :-ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! मेना और हिमवान्‌की भगवान् शिवके प्रति उच्च- कोटिकी अनन्यभक्ति देख … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 30 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 30 पार्वतीका पिताके घरमें सत्कार, महादेवजीकी नटलीलाका चमत्कार, उनका मेना आदिसे पार्वतीको माँगना और माता-पिताके इनकार करनेपर अन्तर्धान हो जाना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 30 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 30 पार्वतीका पिताके घरमें सत्कार, महादेवजीकी नटलीलाका चमत्कार, उनका मेना आदिसे पार्वतीको माँगना और माता-पिताके इनकार करनेपर अन्तर्धान हो जाना) (अध्याय 30) :-ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! भगवान् शंकरके अपने स्थानको चले जानेपर सखियोंसहित पार्वती भी अपने रूपको … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 29 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 29 शिव और पार्वतीकी बातचीत, शिवका पार्वतीके अनुरोधको स्वीकार करना)

रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 29 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 29 शिव और पार्वतीकी बातचीत, शिवका पार्वतीके अनुरोधको स्वीकार करना) (अध्याय 29) :-ब्रह्माजी कहते हैं- नारद ! परमात्मा हरकी यह बात सुनकर और उनके आनन्द- दायी रूपका दर्शन पाकर पार्वतीको बड़ा हर्ष हुआ। उनका मुख प्रसन्नतासे खिल … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 28 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 28 पार्वतीजीका परमेश्वर शिवकी महत्ताका प्रतिपादन करना, रोषपूर्वक जटिल ब्राह्मणको फटकारना, सखीद्वारा उन्हें फिर बोलनेसे रोकना तथा भगवान् शिवका उन्हें प्रत्यक्ष दर्शन दे अपने साथ चलनेके लिये कहना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 28 (शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 28 पार्वतीजीका परमेश्वर शिवकी महत्ताका प्रतिपादन करना, रोषपूर्वक जटिल ब्राह्मणको फटकारना, सखीद्वारा उन्हें फिर बोलनेसे रोकना तथा भगवान् शिवका उन्हें प्रत्यक्ष दर्शन दे अपने साथ चलनेके लिये कहना) (अध्याय 28) :-पार्वती बोलीं- बाबाजी ! अबतक तो मैंने … Read more

error: Content is protected !!