Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 55(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 55 शिव-पार्वती तथा उनकी बारातकी विदाई, भगवान् शिवका समस्त देवताओंको विदा करके कैलासपर रहना और पार्वतीखण्डके श्रवणकी महिमा)

रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 55(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 55 शिव-पार्वती तथा उनकी बारातकी विदाई, भगवान् शिवका समस्त देवताओंको विदा करके कैलासपर रहना और पार्वतीखण्डके श्रवणकी महिमा) (अध्याय 55) :-ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! ब्राह्मणीने देवी पार्वतीको पतिव्रत-धर्मकी शिक्षा देनेके पश्चात् मेनाको बुलाकर कहा – ‘महारानीजी ! अब … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 54(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 54 मेनाकी इच्छाके अनुसार एक ब्राह्मण-पत्नीका पार्वतीको पतिव्रतधर्मका उपदेश देना)

रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 54(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 54 मेनाकी इच्छाके अनुसार एक ब्राह्मण-पत्नीका पार्वतीको पतिव्रतधर्मका उपदेश देना) (अध्याय 54 ) :-ब्रह्माजी कहते हैं- नारद ! तदनन्तर सप्तर्षियोंने हिमालयसे कहा- ‘गिरिराज ! अब आप अपनी पुत्री पार्वतीदेवीकी यात्राका उचित प्रबन्ध करें।’ मुनीश्वर ! यह सुनकर पार्वतीके … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 53(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 53 चतुर्थीकर्म, बारातका कई दिनोंतक ठहरना, सप्तर्षियोंके समझानेसे हिमालयका बारातको विदा करनेके लिये राजी होना, मेनाका शिवको अपनी कन्या सौंपना तथा बारातका पुरीके बाहर जाकर ठहरना)

रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 53(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 53 चतुर्थीकर्म, बारातका कई दिनोंतक ठहरना, सप्तर्षियोंके समझानेसे हिमालयका बारातको विदा करनेके लिये राजी होना, मेनाका शिवको अपनी कन्या सौंपना तथा बारातका पुरीके बाहर जाकर ठहरना) (अध्याय 53) :-ब्रह्माजी कहते हैं- तदनन्तर विष्णु आदि देवता तथा ऋषि कैलास … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 52(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 52 रातको परम सुन्दर सजे हुए वासगृहमें शयन करके प्रातःकाल भगवान् शिवका जनवासेमें आगमन)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 52(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 52 रातको परम सुन्दर सजे हुए वासगृहमें शयन करके प्रातःकाल भगवान् शिवका जनवासेमें आगमन) (अध्याय 52) :-ब्रह्माजी कहते हैं-तात ! तदनन्तर भाग्यवानोंमें श्रेष्ठ और चतुर गिरिराज हिमवान्ने बारातियोंको भोजन करानेके लिये अपने आँगनको सुन्दर ढंगसे सजाया तथा अपने … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 49 to 51(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 49 से 51 शिवके विवाहका उपसंहार, उनके द्वारा दक्षिणा-वितरण, वर-वधूका कोहबर और वासभवनमें जाना, वहाँ स्त्रियोंका उनसे लोकाचारका पालन कराना, रतिकी प्रार्थनासे शिवद्वारा कामको जीवनदान एवं वर-प्रदान, वर-वधूका एक-दूसरेको मिष्टान्न भोजन कराना और शिवका जनवासेमें लौटना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 49 to 51(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 49 से 51 शिवके विवाहका उपसंहार, उनके द्वारा दक्षिणा-वितरण, वर-वधूका कोहबर और वासभवनमें जाना, वहाँ स्त्रियोंका उनसे लोकाचारका पालन कराना, रतिकी प्रार्थनासे शिवद्वारा कामको जीवनदान एवं वर-प्रदान, वर-वधूका एक-दूसरेको मिष्टान्न भोजन कराना और शिवका जनवासेमें लौटना) … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 48(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 48 शिव-पार्वतीके विवाहका आरम्भ, हिमालयके द्वारा शिवके गोत्रके विषयमें प्रश्न होनेपर नारदजीके द्वारा उत्तर, हिमालयका कन्यादान करके शिवको दहेज देना तथा शिवाका अभिषेक)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 48(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 48 शिव-पार्वतीके विवाहका आरम्भ, हिमालयके द्वारा शिवके गोत्रके विषयमें प्रश्न होनेपर नारदजीके द्वारा उत्तर, हिमालयका कन्यादान करके शिवको दहेज देना तथा शिवाका अभिषेक) (अध्याय 48 ) :-ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! इसी समय वहाँ गर्गाचार्यसे प्रेरित हो मेनासहित हिमवान्ने … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 47(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 47 वरपक्षके आभूषणोंसे विभूषित शिवाकी नीराजना, कन्यादानके समय वरके साथ सब देवताओंका हिमाचलके घरके आँगनमें विराजना तथा वर-वधूके द्वारा एक-दूसरेका पूजन)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 47(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 47 वरपक्षके आभूषणोंसे विभूषित शिवाकी नीराजना, कन्यादानके समय वरके साथ सब देवताओंका हिमाचलके घरके आँगनमें विराजना तथा वर-वधूके द्वारा एक-दूसरेका पूजन) (अध्याय 47) :-ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! तदनन्तर साथ वेदमन्त्रोंद्वारा दुर्गा और शिवका उपस्नान गिरिश्रेष्ठ हिमवान्‌ने प्रसन्नता और … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 46(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 46 मेनाद्वारा द्वारपर भगवान् शिवका परिछन, उनके रूपको देखकर संतोषका अनुभव, अन्यान्य युवतियोंद्वारा वरकी प्रशंसा, पार्वतीका अम्बिका- पूजनके लिये बाहर निकलना तथा देवताओं और भगवान् शिवका उनके सुन्दर रूपको देखकर प्रसन्न होना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 46(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 46 मेनाद्वारा द्वारपर भगवान् शिवका परिछन, उनके रूपको देखकर संतोषका अनुभव, अन्यान्य युवतियोंद्वारा वरकी प्रशंसा, पार्वतीका अम्बिका- पूजनके लिये बाहर निकलना तथा देवताओं और भगवान् शिवका उनके सुन्दर रूपको देखकर प्रसन्न होना) (अध्याय 46 ) :-ब्रह्माजी कहते हैं- … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 45(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 45 भगवान् शिवका अपने परम सुन्दर दिव्य रूपको प्रकट करना, मेनाकी प्रसन्नता और क्षमा-प्रार्थना तथा पुरवासिनी स्त्रियोंका शिवके रूपका दर्शन करके जन्म और जीवनको सफल मानना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 45(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 45 भगवान् शिवका अपने परम सुन्दर दिव्य रूपको प्रकट करना, मेनाकी प्रसन्नता और क्षमा-प्रार्थना तथा पुरवासिनी स्त्रियोंका शिवके रूपका दर्शन करके जन्म और जीवनको सफल मानना) (अध्याय 45) :-ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! इसी समय भगवान् विष्णुसे प्रेरित हो … Read more

Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 44(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 44 मेनाका विलाप, शिवके साथ कन्याका विवाह न करनेका हठ, देवताओं तथा श्रीविष्णुका उन्हें समझाना तथा उनका सुन्दर रूप धारण करनेपर ही शिवको कन्या देनेका विचार प्रकट करना)

(रुद्रसंहिता, तृतीय (पार्वती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita Parwati khand chapter 44(शिव पुराण रुद्रसंहिता पार्वती खंड अध्याय 44 मेनाका विलाप, शिवके साथ कन्याका विवाह न करनेका हठ, देवताओं तथा श्रीविष्णुका उन्हें समझाना तथा उनका सुन्दर रूप धारण करनेपर ही शिवको कन्या देनेका विचार प्रकट करना) (अध्याय 44 ) :-ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! जब हिमाचलप्रिया सती … Read more

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