गरुड़ पुराण-सारोद्धार छठा अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 6.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (छठा अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार छठा अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 6. ( गरुड़ पुराण — छठा अध्याय सारोद्धार) “जीवकी गर्भावस्थाका दुःख, गर्भमें पूर्वजन्मोंके ज्ञानकी स्मृति, जीवद्वारा भगवान्से अब आगे दुष्कर्मोंको न करनेकी प्रतिज्ञा, गर्भवाससे बाहर आते ही वैष्णवी मायाद्वारा उसका मोहित होना तथा गर्भावस्थाकी प्रतिज्ञाको भुला देना” :-गरुड़ जी ने कहा … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार पांचवां अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 5.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (पाँचवां अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार पांचवां अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 5. ( गरुड़ पुराण — पाँचवां अध्याय सारोद्धार) “कर्मविपाकवश मनुष्यको अनेक योनियों और विविध रोगोंकी प्राप्ति” गरुड़ जी ने कहा – हे केशव ;- जिस-जिस पाप से जो-जो चिह्न प्राप्त होते हैं और जिन-जिन योनियों में जीव जाते हैं, वह मुझे … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार चौथा अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 4.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (चौथा अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार चौथा अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 4. ( गरुड़ पुराण — चौथा अध्याय सारोद्धार) (“नरक प्रदान करानेवाले पापकर्म”) गरुड़ जी ने कहा ;– हे केशव ! किन पापों के कारण पापी मनुष्य यमलोक के महामार्ग में जाते हैं और किन पापों से वैतरणी में गिरते हैं तथा … Read more

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