गरुडपुराण-श्रवणका फल:-benifit of garud puran.

(गरुडपुराण-श्रवणका फल) (Benifit of garud puran) श्रीभगवानुवाच: इत्याख्यातं मया  तार्थ्य सर्वमेवौर्ध्वदैहिकम् । दशाहाभ्यन्तरे श्रुत्वा सर्वपापैः प्रमुच्यते ॥ १ ॥पितृमुक्तिप्रदायकम् । पुत्रवाञ्छितदं चैव परत्रेह च सुखप्रदम् ॥ २ ॥ ये नास्तिकनराधमाः । तेषां जलमपेयं स्यात् सुरातुल्यं न संशयः ॥ ३ ॥ इदं चामुष्मिकं कर्म इदं कर्म न कुर्वन्ति देवताः पितरश्चैव नैव पश्यन्ति तद्गृहम् । भवन्ति तेषां … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार सोलहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 16.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (सोलहवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार सोलहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 16. ( गरुड़ पुराण — सोलहवाँ अध्याय सारोद्धार) “मनुष्य शरीर प्राप्त करने की महिमा, धर्माचरण ही मुख्य कर्तव्य, शरीर और संसार की दु:खरूपता तथा नश्वरता, मोक्ष-धर्म-निरूपण” गरुड़ जी ने कहा – हे दयासिन्धो ;- अज्ञान के कारण जीव जन्म-मरणरूपी संसार चक्र … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार पंद्रहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 15.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (पंद्रहवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार पंद्रहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 15. ( गरुड़ पुराण — पंद्रहवाँ अध्याय सारोद्धार) “धर्मात्मा जन का दिव्यलोकों का सुख भोगकर उत्तम कुल में जन्म लेना, शरीर के व्यावहारिक तथा पारमार्थिक दो रूपों का वर्णन, अजपाजप की विधि, भगवत्प्राप्ति के साधनों में भक्ति योग की प्रधानता” गरुड़ … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार चौदहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 14.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (चौदहवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार चौदहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 14. ( गरुड़ पुराण — चौदहवाँ अध्याय सारोद्धार) “यमलोक एवं यमसभा का वर्णन, चित्रगुप्त आदि के भवनों का परिचय, धर्मराज नगर के चार द्वार, पुण्यात्माओं का धर्म सभा में प्रवेश” गरुड़ जी ने कहा – हे दयानिधे ;- यमलोक कितना बड़ा … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार तेरहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 13.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (तेरहवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार तेरहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 13. ( गरुड़ पुराण — तेरहवाँ अध्याय सारोद्धार) “अशौचकाल का निर्णय, अशौच में निषिद्ध कर्म, सपिण्डीकरण श्राद्ध, पिण्डमेलन की प्रक्रिया, शय्यादान, पददान तथा गया श्राद्ध की महिमा “ गरुड़जी ने कहा – हे प्रभो ;- सपिण्डन की विधि, सूतक का निर्णय … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार बारहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 12.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (बारहवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार बारहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 12. ( गरुड़ पुराण — बारहवाँ अध्याय सारोद्धार) “एकादशाहकृत्य-निरुपण, मृत-शय्यादान, गोदान, घटदान, अष्टमहादान, वृषोत्सर्ग, मध्यमषोडशी, उत्तमषोडशी एवं नारायणबलि” :-गरुड़जी ने कहा – हे सुरेश्वर ;- ग्यारहवें दिन के कृत्य-विधान को भी बताइए और हे जगदीश्वर! वृषोत्सर्ग की विधि भी बताइये। श्रीभगवान … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार ग्यारहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 11.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (ग्यारहवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार ग्यारहवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 11. ( गरुड़ पुराण — ग्यारहवाँ अध्याय सारोद्धार) “दशगात्र – विधान” :-गरुड़ जी बोले – हे केशव ;- आप दशगात्र विधि के संबंध में बताइए, इसके करने से कौन-सा पुण्य प्राप्त होता है और पुत्र के अभाव में इसको किसे करना … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार नवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 9.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (नवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार नवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 9. ( गरुड़ पुराण — नवाँ अध्याय सारोद्धार) (“मरणासन्न व्यक्तियों के निमित्त किये जाने वाले कृत्य”) :-गरुड़जी बोले – हे प्रभो :- आपने आतुरकालिक दान के संदर्भ में भली भाँति कहा। अब म्रियमाण (मरणासन्न) व्यक्ति के लिए जो कुछ करना चाहिए, … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार आठवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 8.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (आठवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार आठवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 8. ( गरुड़ पुराण — आठवाँ अध्याय सारोद्धार) “आतुरकालिक (मरणकालिक) दान एवं मरणकालमें भगवन्नाम-स्मरणका माहात्म्य, अष्टमहादानोंका फल तथा धर्माचरणकी महिमा” :-गरुड़ जी ने कहा – हे तार्क्ष्य ;- मनुष्यों के हित की दृष्टि से आपने बड़ी उत्तम बात पूछी है। धार्मिक … Read more

गरुड़ पुराण-सारोद्धार सातवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 7.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (सातवाँ अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार सातवाँ अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 7. ( गरुड़ पुराण — सातवाँ अध्याय सारोद्धार) “पुत्रकी महिमा, दूसरेके द्वारा दिये गये पिण्डदानादिसे प्रेतत्वसे मुक्ति- इसके प्रतिपादनमें राजा बभ्रुवाहन तथा प्रेतकी कथा” :-सूतजी ने कहा ;– ऎसा सुनकर पीपल के पत्ते की भाँति काँपते हुए गरुड़जी ने प्राणियों के … Read more

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