Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 11(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:अथैकादशोऽध्यायःजनमेजयका राजा बनना और उत्तंककी प्रेरणासे सर्प-सत्र करना, आस्तीकके कहनेसे राजाद्वारा सर्प-सत्र रोकना सूतजी बोले – सभी मन्त्रियोंने राजा परीक्षित्को)
Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 11(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:अथैकादशोऽध्यायःजनमेजयका राजा बनना और उत्तंककी प्रेरणासे सर्प-सत्र करना, आस्तीकके कहनेसे राजाद्वारा सर्प-सत्र रोकना) [अथैकादशोऽध्यायः] :-सूतजी बोले – सभी मन्त्रियोंने राजा परीक्षित्को मृतक तथा उनके पुत्र जनमेजयको अबोध जानकर उनकी परलोक-सम्बन्धी क्रियाएँ सम्यक् प्रकारसे सम्पन्न कीं ॥ १ ॥ शरीर दग्ध हो जानेसे भस्मीभूत हुए राजाको उन … Read more