Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 11(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:अथैकादशोऽध्यायःजनमेजयका राजा बनना और उत्तंककी प्रेरणासे सर्प-सत्र करना, आस्तीकके कहनेसे राजाद्वारा सर्प-सत्र रोकना सूतजी बोले – सभी मन्त्रियोंने राजा परीक्षित्को)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 11(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:अथैकादशोऽध्यायःजनमेजयका राजा बनना और उत्तंककी प्रेरणासे सर्प-सत्र करना, आस्तीकके कहनेसे राजाद्वारा सर्प-सत्र रोकना) [अथैकादशोऽध्यायः] :-सूतजी बोले – सभी मन्त्रियोंने राजा परीक्षित्को मृतक तथा उनके पुत्र जनमेजयको अबोध जानकर उनकी परलोक-सम्बन्धी क्रियाएँ सम्यक् प्रकारसे सम्पन्न कीं ॥ १ ॥ शरीर दग्ध हो जानेसे भस्मीभूत हुए राजाको उन … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 10(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:दशमोऽध्यायःमहाराज परीक्षित्‌को हँसनेके लिये तक्षकका प्रस्थान, मार्गमें मन्त्रवेत्ता कश्यपसे भेंट, तक्षकका एक वटवृक्षको हँसकर भस्म कर देना और कश्यपका उसे पुनः हरा-भरा कर देना, तक्षकद्वारा धन देकर कश्यपको वापस कर देना, सर्पदंशसे राजा परीक्षित्की मृत्यु)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 10(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:दशमोऽध्यायः महाराज परीक्षित्‌को हँसनेके लिये तक्षकका प्रस्थान, मार्गमें मन्त्रवेत्ता कश्यपसे भेंट, तक्षकका एक वटवृक्षको हँसकर भस्म कर देना और कश्यपका उसे पुनः हरा-भरा कर देना, तक्षकद्वारा धन देकर कश्यपको वापस कर देना, सर्पदंशसे राजा परीक्षित्की मृत्यु [अथ दशमोऽध्यायः] :-सूतजी बोले- [हे मुनिवृन्द !] उसी दिन तक्षक … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 9(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:नवमोऽध्यायःसर्पके काटनेसे प्रमद्वराकी मृत्यु, रुरुद्वारा अपनी आधी आयु देकर उसे जीवित कराना, मणि-मन्त्र-औषधिद्वारा सुरक्षित राजा परीक्षित्का सात तलवाले भवनमें निवास करना)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 9(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:नवमोऽध्यायःसर्पके काटनेसे प्रमद्वराकी मृत्यु, रुरुद्वारा अपनी आधी आयु देकर उसे जीवित कराना, मणि-मन्त्र-औषधिद्वारा सुरक्षित राजा परीक्षित्का सात तलवाले भवनमें निवास करना) [अथ नवमोऽध्यायः] :-परीक्षित् बोले- [हे सचिववृन्द !] इस प्रकार कामासक्त होकर रुरुमुनि अपने आश्रममें सो गये, तब उनके पिताने उन्हें दुःखी देखकर पूछा- हे रुरु … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 8(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:अथाष्टमोऽध्यायःधृतराष्ट्र आदिका दावाग्निमें जल जाना, प्रभासक्षेत्रमें यादवोंका परस्पर युद्ध और संहार, कृष्ण और बलरामका परमधामगमन, परीक्षित्‌को राजा बनाकर पाण्डवोंका हिमालय- पर्वतपर जाना, परीक्षित्‌को शापकी प्राप्ति, प्रमद्वरा और रुरुका वृत्तान्त)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 8(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:अथाष्टमोऽध्यायःधृतराष्ट्र आदिका दावाग्निमें जल जाना, प्रभासक्षेत्रमें यादवोंका परस्पर युद्ध और संहार, कृष्ण और बलरामका परमधामगमन, परीक्षित्‌को राजा बनाकर पाण्डवोंका हिमालय- पर्वतपर जाना, परीक्षित्‌को शापकी प्राप्ति, प्रमद्वरा और रुरुका वृत्तान्त [अथाष्टमोऽध्यायः]   :-सूतजी बोले – वहाँसे पाण्डवोंके प्रस्थित होनेके तीसरे दिन उस वनमें लगी दावाग्निमें कुन्ती एवं … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 7(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:सप्तमोऽध्यायःधृतराष्ट्रका युधिष्ठिरसे दुर्योधनके पिण्डदानहेतु धन माँगना, भीमसेनका प्रतिरोध; धृतराष्ट्र, गान्धारी, कुन्ती, विदुर और संजयका वनके लिये प्रस्थान, वनवासी धृतराष्ट्र तथा माता कुन्तीसे मिलनेके लिये युधिष्ठिरका भाइयोंके साथ वनगमन, विदुरका महाप्रयाण, धृतराष्ट्रसहित पाण्डवोंका व्यासजीके आश्रमपर आना, देवीकी कृपासे व्यासजीद्वारा महाभारत युद्धमें मरे कौरवों-पाण्डवोंके परिजनोंको बुला देना)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 7(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:सप्तमोऽध्यायःधृतराष्ट्रका युधिष्ठिरसे दुर्योधनके पिण्डदानहेतु धन माँगना, भीमसेनका प्रतिरोध; धृतराष्ट्र, गान्धारी, कुन्ती, विदुर और संजयका वनके लिये प्रस्थान, वनवासी धृतराष्ट्र तथा माता कुन्तीसे मिलनेके लिये युधिष्ठिरका भाइयोंके साथ वनगमन, विदुरका महाप्रयाण, धृतराष्ट्रसहित पाण्डवोंका व्यासजीके आश्रमपर आना, देवीकी कृपासे व्यासजीद्वारा महाभारत युद्धमें मरे कौरवों-पाण्डवोंके परिजनोंको बुला देना) … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 6(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:षष्ठोऽध्यायःदुर्वासाका कुन्तीको अमोघ कामद मन्त्र देना, मन्त्रके प्रभावसे कन्यावस्थामें ही कर्णका जन्म, कुन्तीका राजा पाण्डुसे विवाह, शापके कारण पाण्डुका सन्तानोत्पादनमें असमर्थ होना, मन्त्र-प्रयोगसे कुन्ती और माद्रीका पुत्रवती होना, पाण्डुकी मृत्यु और पाँचों पुत्रोंको लेकर कुन्तीका हस्तिनापुर आना)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 6(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:षष्ठोऽध्यायः दुर्वासाका कुन्तीको अमोघ कामद मन्त्र देना, मन्त्रके प्रभावसे कन्यावस्थामें ही कर्णका जन्म, कुन्तीका राजा पाण्डुसे विवाह, शापके कारण पाण्डुका सन्तानोत्पादनमें असमर्थ होना, मन्त्र-प्रयोगसे कुन्ती और माद्रीका पुत्रवती होना, पाण्डुकी मृत्यु और पाँचों पुत्रोंको लेकर कुन्तीका हस्तिनापुर आना) [अथ षष्ठोऽध्यायः] :-सूतजी बोले- इस प्रकार उन … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 5(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:पञ्चमोऽध्यायःमत्स्यगन्धा (सत्यवती) को देखकर राजा शन्तनुका मोहित होना, भीष्मद्वारा आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण करनेकी प्रतिज्ञा करना और शन्तनुका सत्यवतीसे विवाह)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 5(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:पञ्चमोऽध्यायःमत्स्यगन्धा (सत्यवती) को देखकर राजा शन्तनुका मोहित होना, भीष्मद्वारा आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण करनेकी प्रतिज्ञा करना और शन्तनुका सत्यवतीसे विवाह) [अथ पञ्चमोऽध्यायः] :– ऋषिगण बोले- हे लोमहर्षणतनय सूतजी ! आपने शापवश अष्टवसुओंके जन्म तथा गंगाजीकी उत्पत्तिका वर्णन किया। हे धर्मज्ञ ! व्यासजीकी सत्यवती नामकी साध्वी … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 4(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:चतुर्थोऽध्यायःगंगाजीद्वारा राजा शन्तनुका पतिरूपमें वरण, सात पुत्रोंका जन्म तथा गंगाका उन्हें अपने जलमें प्रवाहित करना, आठवें पुत्रके रूपमें भीष्मका जन्म तथा उनकी शिक्षा-दीक्षा)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 4(देवी भागवत पुराण द्वितीयःस्कन्ध:चतुर्थोऽध्यायःगंगाजीद्वारा राजा शन्तनुका पतिरूपमें वरण, सात पुत्रोंका जन्म तथा गंगाका उन्हें अपने जलमें प्रवाहित करना, आठवें पुत्रके रूपमें भीष्मका जन्म तथा उनकी शिक्षा-दीक्षा) [अथ चतुर्थोऽध्यायः]   :-सूतजी बोले – प्रतीपके स्वर्ग चले जानेपर सत्यपराक्रमी राजा शन्तनु व्याघ्र तथा मृगोंको मारते हुए मृगयामें तत्पर हो गये ॥ … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 3(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:तृतीयोऽध्यायःराजा शन्तनु, गंगा और भीष्मके पूर्वजन्मकी कथा)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 3(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:तृतीयोऽध्यायःराजा शन्तनु, गंगा और भीष्मके पूर्वजन्मकी कथा) [अथ तृतीयोऽध्यायः]   :-ऋषिगण बोले- हे सूतजी ! हे अनघ ! यद्यपि आपने परम तेजस्वी व्यास तथा सत्यवतीके जन्मकी कथा विस्तारपूर्वक कही तथापि हमलोगोंके चित्तमें एक बड़ी भारी शंका बनी हुई है। हे धर्मज्ञ ! हे अनघ ! … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 2(देवी भागवत पुराण द्वितीयःस्कन्ध:द्वितीयोऽध्यायः व्यासजीकी उत्पत्ति और उनका तपस्याके लिये जाना)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 2(देवी भागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:द्वितीयोऽध्यायः व्यासजीकी उत्पत्ति और उनका तपस्याके लिये जाना) [अथ द्वितीयोऽध्यायः]   :-सूतजी बोले – एक बार तीर्थयात्रा करते हुए महान्ते जस्वी पराशरमुनि यमुनानदीके उत्तम तटपर आये और उन धर्मात्माने भोजन करते हुए निषादसे कहा- मुझको नावसे यमुनाके पार पहुँचा दो ॥ १-२॥ मुनिका वचन सुनकर … Read more

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