Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 9(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयःस्कन्धःनवमोऽध्यायःगुणोंके परस्पर मिश्रीभावका वर्णन, देवीके बीजमन्त्रकी महिमा)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 9(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयःस्कन्धःनवमोऽध्यायःगुणोंके परस्पर मिश्रीभावका वर्णन, देवीके बीजमन्त्रकी महिमा) [अथ नवमोऽध्यायः] :-नारदजी बोले- हे तात ! आपने गुणोंके लक्षणोंका वर्णन किया, किंतु आपके मुखसे निःसृत वाणीरूपी मधुर रसका पान करता हुआ मैं अभी भी तृप्त नहीं हुआ हूँ ॥ १ ॥ अतएव अब आप इन गुणोंके सूक्ष्म ज्ञानका यथावत् वर्णन … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 8(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धः अथाष्टमोऽध्यायः सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुणका वर्णन)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 8(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयःस्कन्धःअथाष्टमोऽध्यायः सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुणका वर्णन) [अथाष्टमोऽध्यायः]   :’ब्रह्माजी बोले- हे तात! आपने जो मुझसे पूछा था, वह सृष्टिका वर्णन मैंने कर दिया। अब गुणोंका स्वरूप कहता हूँ, उसे एकाग्रचित्त होकर सुनो ॥ १ ॥ सत्त्वगुणको प्रीतिस्वरूप समझना चाहिये, वह प्रीति सुखसे उत्पन्न होती है। सरलता, सत्य, शौच, … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 7 (श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःसप्तमोऽध्यायःब्रह्माजीके द्वारा परमात्माके स्थूल और सूक्ष्म स्वरूपका वर्णन; सात्त्विक, राजस और तामस शक्तिका वर्णन; पंचतन्मात्राओं, ज्ञानेन्द्रियों, कर्मेन्द्रियों तथा पंचीकरण-क्रियाद्वारा सृष्टिकी उत्पत्तिका वर्णन)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 7(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःसप्तमोऽध्यायःब्रह्माजीके द्वारा परमात्माके स्थूल और सूक्ष्म स्वरूपका वर्णन; सात्त्विक, राजस और तामस शक्तिका वर्णन; पंचतन्मात्राओं, ज्ञानेन्द्रियों, कर्मेन्द्रियों तथा पंचीकरण-क्रियाद्वारा सृष्टिकी उत्पत्तिका वर्णन) [अथ सप्तमोऽध्यायः]   :-ब्रह्माजी बोले- हे महाभाग ! [नारद!] मैंने, विष्णु तथा शंकरने इस प्रकारके प्रभाववाली उन देवीको तथा अन्य सभी देवियोंको पृथक् पृथक् देखा … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 6श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःषष्ठोऽध्यायःभगवती जगदम्बिकाद्वारा अपने स्वरूपका वर्णन तथा ‘महासरस्वती’, ‘महालक्ष्मी’ और ‘महाकाली’ नामक अपनी शक्तियोंको क्रमशः ब्रह्मा, विष्णु और शिवको प्रदान करना)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 6 श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःषष्ठोऽध्यायःभगवती जगदम्बिकाद्वारा अपने स्वरूपका वर्णन तथा ‘महासरस्वती’, ‘महालक्ष्मी’ और ‘महाकाली’ नामक अपनी शक्तियोंको क्रमशः ब्रह्मा, विष्णु और शिवको प्रदान करना) [अथ षष्ठोऽध्यायः] :’ब्रह्माजी बोले – अत्यन्त नम्र भावसे मेरे पूछनेपर वे आद्या भगवती मधुर वचन कहने लगीं ॥ १ ॥ देवी बोलीं- मैं और परब्रह्म सदा … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 5 (श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःपञ्चमोऽध्यायः ब्रह्मा और शिवजीका भगवतीकी स्तुति करना)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 5 (श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धः पञ्चमोऽध्यायः ब्रह्मा और शिवजीका भगवतीकी स्तुति करना)   [अथ पञ्चमोऽध्यायः] :-ब्रह्माजी बोले – [हे नारद !] इस प्रकार देवदेव जनार्दन भगवान् विष्णुके स्तुति कर लेनेके उपरान्त भगवान् शिवशंकर विनीतभावसे देवीके सम्मुख स्थित होकर कहने लगे ॥ १ ॥ शिवजी बोले- हे देवि ! यदि भगवान् … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 4( श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःचतुर्थोऽध्यायःभगवतीके चरणनखमें त्रिदेवोंको सम्पूर्ण ब्रह्माण्डका दर्शन होना, भगवान् विष्णुद्वारा देवीकी स्तुति करना)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 4(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःचतुर्थोऽध्यायःभगवतीके चरणनखमें त्रिदेवोंको सम्पूर्ण ब्रह्माण्डका दर्शन होना, भगवान् विष्णुद्वारा देवीकी स्तुति करना) [अथ चतुर्थोऽध्यायः] :-ब्रह्माजी बोले- हे नारद ! ऐसा कहकर जनार्दन भगवान् विष्णुने पुनः कहा- हमलोग बार-बार प्रणाम करते हुए उनके पास चलें। वे वरदायिनी महामाया हमें अवश्य वरदान देंगी। अतः निर्भय होकर हमें उनके चरणोंके … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 3(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःतृतीयोऽध्यायः ब्रह्मा, विष्णु और महेशका विभिन्न लोकोंमें जाना तथा अपने ही सदृश अन्य ब्रह्मा, विष्णु और महेशको देखकर आश्चर्यचकित होना, देवीलोकका दर्शन)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 3(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःतृतीयोऽध्यायः ब्रह्मा, विष्णु और महेशका विभिन्न लोकोंमें जाना तथा अपने ही सदृश अन्य ब्रह्मा, विष्णु और महेशको देखकर आश्चर्यचकित होना, देवीलोकका दर्शन) [अथ तृतीयोऽध्यायः] :-ब्रह्माजी बोले – मनके समान वेगसे उड़नेवाला वह विमान जिस स्थानपर पहुँचा, वहाँ जब हमने जल नहीं देखा तब हमलोगोंको महान् आश्चर्य हुआ … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 2(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःद्वितीयोऽध्यायःभगवती आद्याशक्तिके प्रभावका वर्णन) 

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 2(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःद्वितीयोऽध्यायःभगवती आद्याशक्तिके प्रभावका वर्णन) [अथ द्वितीयोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- हे महाबाहो ! हे कुरुश्रेष्ठ ! आपने मुझसे जो प्रश्न पूछे हैं, उन्हीं प्रश्नोंको मेरेद्वारा मुनिराज नारदजीसे पूछे जानेपर उन्होंने इस विषयमें ऐसा कहा था ॥ १॥ नारदजी बोले- हे व्यासजी ! मैं आपसे इस समय क्या कहूँ ? … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 1( श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धःप्रथमोऽध्यायःराजा जनमेजयका ब्रह्माण्डोत्पत्तिविषयक प्रश्न तथा इसके उत्तरमें व्यासजीका पूर्वकालमें नारदजीके साथ हुआ संवाद सुनाना)

॥ श्रीजगदम्बिकायै नमः ।॥ ॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॥ Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 1(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयः स्कन्धः  प्रथमोऽध्यायःराजा जनमेजयका ब्रह्माण्डोत्पत्तिविषयक प्रश्न तथा इसके उत्तरमें व्यासजीका पूर्वकालमें नारदजीके साथ हुआ संवाद सुनाना) [ अथ प्रथमोऽध्यायः] :-जनमेजय बोले- हे भगवन् ! आपने महान् अम्बा-यज्ञके विषयमें कहा है। वे अम्बा कौन हैं, वे कैसे, … Read more

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 12(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:द्वादशोऽध्यायःआस्तीकमुनिके जन्मकी कथा, कद्रू और विनताद्वारा सूर्यके घोड़ेके रंगके विषयमें शर्त लगाना और विनताको दासीभावकी प्राप्ति, कद्रूद्वारा अपने पुत्रोंको शाप)

Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 12(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:द्वादशोऽध्यायःआस्तीकमुनिके जन्मकी कथा, कद्रू और विनताद्वारा सूर्यके घोड़ेके रंगके विषयमें शर्त लगाना और विनताको दासीभावकी प्राप्ति, कद्रूद्वारा अपने पुत्रोंको शाप) [अथ द्वादशोऽध्यायः] :-सूतजी बोले- राजा जनमेजयका वचन सुनकर सत्यवतीपुत्र व्यासने सभामें उन राजासे कहा- ॥ १॥ व्यासजी बोले- हे राजन् ! सुनिये, मैं आपसे एक पुनीत, … Read more

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