Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 10(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:दशमोऽध्यायःमहाराज परीक्षित्को हँसनेके लिये तक्षकका प्रस्थान, मार्गमें मन्त्रवेत्ता कश्यपसे भेंट, तक्षकका एक वटवृक्षको हँसकर भस्म कर देना और कश्यपका उसे पुनः हरा-भरा कर देना, तक्षकद्वारा धन देकर कश्यपको वापस कर देना, सर्पदंशसे राजा परीक्षित्की मृत्यु)
Devi bhagwat puran skandh 2 chapter 10(देवीभागवत पुराण द्वितीयः स्कन्ध:दशमोऽध्यायः महाराज परीक्षित्को हँसनेके लिये तक्षकका प्रस्थान, मार्गमें मन्त्रवेत्ता कश्यपसे भेंट, तक्षकका एक वटवृक्षको हँसकर भस्म कर देना और कश्यपका उसे पुनः हरा-भरा कर देना, तक्षकद्वारा धन देकर कश्यपको वापस कर देना, सर्पदंशसे राजा परीक्षित्की मृत्यु [अथ दशमोऽध्यायः] :-सूतजी बोले- [हे मुनिवृन्द !] उसी दिन तक्षक … Read more