Devi bhagwat puran skandh 6 chapter 4 (श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण षष्ठः स्कन्ध: चतुर्थोऽध्यायःतपस्यासे प्रसन्न होकर ब्रह्माजीका वृत्रासुरको वरदान देना, त्वष्टाकी प्रेरणासे वृत्रासुरका स्वर्गपर आक्रमण करके अपने अधिकारमें कर लेना, इन्द्रका पितामह ब्रह्मा और भगवान् शंकरके साथ वैकुण्ठधाम जाना)
Devi bhagwat puran skandh 6 chapter 4 (श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण षष्ठः स्कन्ध: चतुर्थोऽध्यायःतपस्यासे प्रसन्न होकर ब्रह्माजीका वृत्रासुरको वरदान देना, त्वष्टाकी प्रेरणासे वृत्रासुरका स्वर्गपर आक्रमण करके अपने अधिकारमें कर लेना, इन्द्रका पितामह ब्रह्मा और भगवान् शंकरके साथ वैकुण्ठधाम जाना) [अथ चतुर्थोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- उस वृत्रासुरको दृढ़प्रतिज्ञ देखकर तपमें विघ्न डालनेके लिये गये हुए देवगण अपने कार्यकी सिद्धिसे निराश … Read more