Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 14(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयःस्कन्धःचतुर्दशोऽध्यायःदेवीमाहात्म्यसे सम्बन्धित राजा ध्रुवसन्धिकी कथा, ध्रुवसन्धिकी मृत्युके बाद राजा युधाजित् और वीरसेनका अपने-अपने दौहित्रोंके पक्षमें विवाद)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 14(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयःस्कन्धःचतुर्दशोऽध्यायःदेवीमाहात्म्यसे सम्बन्धित राजा ध्रुवसन्धिकी कथा, ध्रुवसन्धिकी मृत्युके बाद राजा युधाजित् और वीरसेनका अपने-अपने दौहित्रोंके पक्षमें विवाद) [अथ चतुर्दशोऽध्यायः] :-जनमेजय बोले – हे द्विज ! मैंने विष्णुद्वारा किये गये देवीयज्ञके विषयमें विस्तारपूर्वक सुन लिया। अब आप मुझे विस्तृतरूपसे भगवतीकी महिमा बताइये ॥ १ ॥ हे विप्रेन्द्र ! देवीका चरित्र … Read more

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 9(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयःस्कन्धःनवमोऽध्यायःगुणोंके परस्पर मिश्रीभावका वर्णन, देवीके बीजमन्त्रकी महिमा)

Devi bhagwat puran skandh 3 chapter 9(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण तृतीयःस्कन्धःनवमोऽध्यायःगुणोंके परस्पर मिश्रीभावका वर्णन, देवीके बीजमन्त्रकी महिमा) [अथ नवमोऽध्यायः] :-नारदजी बोले- हे तात ! आपने गुणोंके लक्षणोंका वर्णन किया, किंतु आपके मुखसे निःसृत वाणीरूपी मधुर रसका पान करता हुआ मैं अभी भी तृप्त नहीं हुआ हूँ ॥ १ ॥ अतएव अब आप इन गुणोंके सूक्ष्म ज्ञानका यथावत् वर्णन … Read more

Devi Bhagwat puran mahima chapter 4(देवी भागवत पुराण महिमा चतुर्थोऽध्यायः श्रीमद्देवीभागवतके माहात्म्यके प्रसंगमें रेवती नक्षत्रके पतन और पुनः स्थापनकी कथा तथा श्रीमद्देवीभागवतके श्रवणसे राजा दुर्दमको मन्वन्तराधिप-पुत्रकी प्राप्ति)

(Devi Bhagwat puran mahima chapter 4(देवी भागवत पुराण महिमाचतुर्थोऽध्यायःश्रीमद्देवीभागवतके माहात्म्यके प्रसंगमें रेवती नक्षत्रके पतन और पुनः स्थापनकी कथा तथा श्रीमद्देवीभागवतके श्रवणसे राजा दुर्दमको मन्वन्तराधिप-पुत्रकी प्राप्ति) [अथ चतुर्थोऽध्यायः]   सूतजी बोले- इस अलौकिक एवं विचित्र कथाको सुनकर पुनः सुननेकी इच्छावाले अगस्त्यजीने बड़ी विनम्रतापूर्वक भगवान् कार्तिकेयसे कहा- ॥ १ ॥   अगस्त्यजी बोले- हे देवसेनापते ! हे … Read more

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