Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 48 to 53( श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 48 से 53 :-48. श्री सीताजी का यज्ञशाला में प्रवेश 49. बंदीजनों द्वारा जनकप्रतिज्ञा की घोषणा, राजाओं से धनुष न उठना, जनक की निराशाजनक वाणी 50. श्री लक्ष्मणजी का क्रोध 51. सीता स्वयंवर धनुषभंग 52. जयमाला पहनाना, परशुराम का आगमन व क्रोध 53. श्री राम-लक्ष्मण और परशुराम-संवाद)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (प्रथम सोपान) (बालकाण्ड) Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 48 to 53( श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 48 से 53 :-48. श्री सीताजी का यज्ञशाला में प्रवेश 49. बंदीजनों द्वारा जनकप्रतिज्ञा की घोषणा, राजाओं से धनुष न उठना, जनक की निराशाजनक वाणी 50. श्री लक्ष्मणजी का क्रोध 51. … Read more

Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 23 to 29( श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 23 से 29 :-23. कामदेव का देवकार्य के लिए जाना और भस्म होना 24. रति को वरदान 25. देवताओं का शिवजी से ब्याह के लिए प्रार्थना करना, सप्तर्षियों का पार्वती के पास जाना 26. शिवजी की विचित्र बारात और विवाह की तैयारी 27. शिवजी का विवाह 28. शिव-पार्वती संवाद 29. राम अवतार के हेतु)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (प्रथम सोपान) (बालकाण्ड) Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 23 to 29( श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 23 से 29 :-23. कामदेव का देवकार्य के लिए जाना और भस्म होना 24. रति को वरदान 25. देवताओं का शिवजी से ब्याह के लिए प्रार्थना करना, सप्तर्षियों का पार्वती के … Read more

Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 15 to 22( श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 15 से 22 :-15.याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य” सती का भ्रम”16.श्री रामजी का ऐश्वर्य और सती का खेद”17. शिवजी द्वारा सती का त्याग, शिवजी की समाधि “18. सती का दक्ष यज्ञ में जाना”19. पति के अपमान से दुःखी होकर सती का योगाग्नि से जल जाना, दक्ष यज्ञ विध्वंस”20. पार्वती का जन्म और तपस्या”21. श्री रामजी का शिवजी से विवाह के लिए अनुरोध “22. सप्तर्षियों की परीक्षा में पार्वतीजी का महत्व)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (प्रथम सोपान) (बालकाण्ड) Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 15 to 22( श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 15 से 22 :-15.याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य” सती का भ्रम”16.श्री रामजी का ऐश्वर्य और सती का खेद”17. शिवजी द्वारा सती का त्याग, शिवजी की समाधि “18. सती का दक्ष यज्ञ … Read more

Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 1 to 14 manglacharan (श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 1 से 14  मंगलाचरण ,गुरु वंदना ,ब्राह्मण-संत वंदना,खल वंदना, संत-असंत वंदना,रामरूप से जीवमात्र की वंदना, तुलसीदासजी की दीनता और राम भक्तिमयी कविता की महिमा’ कवि वंदना, “वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, शिव, पार्वती आदि की वंदना “श्री सीताराम-धाम-परिकर वंदना”श्री नाम वंदना और नाम महिमा” श्री रामगुण और श्री रामचरित् की महिमा” मानस निर्माण की तिथि,” मानस का रूपक और माहात्म्य”)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) (श्रीरामचरितमानस) (प्रथम सोपान) (बालकाण्ड) Sri ramcharitmanas pratham sopan balkand chapter 1 to 14 manglacharan (श्रीरामचरितमानस प्रथम सोपान बालकाण्ड अध्याय 1 से 14  मंगलाचरण ,गुरु वंदना ,ब्राह्मण-संत वंदना,खल वंदना, संत-असंत वंदना,रामरूप से जीवमात्र की वंदना, तुलसीदासजी की दीनता और राम भक्तिमयी कविता की महिमा’ कवि वंदना, “वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, … Read more

Sri ramcharitmanas introduction(श्रीरामचरितमानस प्रस्तावना)

(श्री गणेशाय नमः) (श्रीजानकीवल्लभो विजयते) Sri ramcharitmanas introduction(श्रीरामचरितमानस प्रस्तावना) (श्रीरामचरितमानस) :-श्रीरामचरितमानस १५वीं शताब्दी के कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य है। जैसा कि स्वयं गोस्वामी जी ने श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड में लिखा है कि उन्होंने श्रीरामचरितमानस की रचना का आरम्भ अयोध्या में विक्रम संवत १६३१ (१५७४ ईस्वी) को रामनवमी के दिन (मंगलवार) किया था।   … Read more

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