Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 15(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःपञ्चदशोऽध्यायःबिडालाख्य और असिलोमाका रणभूमिमें आना, देवीसे उनका वार्तालाप और युद्ध तथा देवीद्वारा उनका वध)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 15(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःपञ्चदशोऽध्यायःबिडालाख्य और असिलोमाका रणभूमिमें आना, देवीसे उनका वार्तालाप और युद्ध तथा देवीद्वारा उनका वध) [अथ पञ्चदशोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- उस देवीने चिक्षुराख्य तथा ताम्रका वध कर दिया- यह सुनकर महिषासुरको बड़ा विस्मय हुआ। अब उसने विशाल सेनासे युक्त, शस्त्रास्त्र लिये हुए तथा कवच धारण किये हुए असिलोमा, बिडालाख्य … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 14(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःचतुर्दशोऽध्यायःचिक्षुर और ताम्रका रणभूमिमें आना, देवीसे उनका वार्तालाप और युद्ध तथा देवीद्वारा उनका वध)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 14(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःचतुर्दशोऽध्यायःचिक्षुर और ताम्रका रणभूमिमें आना, देवीसे उनका वार्तालाप और युद्ध तथा देवीद्वारा उनका वध) [अथ चतुर्दशोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- हे राजन् ! दुर्मुख मार दिया गया- यह सुनकर महिषासुर क्रोधसे मूच्छित हो गया और दानवोंसे बार-बार कहने लगा- ‘यह क्या हो गया ?’ दुर्मुख और बाष्कल तो बड़े … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 13(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःत्रयोदशोऽध्यायःबाष्कल और दुर्मुखका रणभूमिमें आना, देवीसे उनका वार्तालाप और युद्ध तथा देवीद्वारा उनका वध)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 13(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःत्रयोदशोऽध्यायःबाष्कल और दुर्मुखका रणभूमिमें आना, देवीसे उनका वार्तालाप और युद्ध तथा देवीद्वारा उनका वध) [अथ त्रयोदशोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- हे राजन् ! ऐसा कहकर अभिमानसे चूर अंगोंवाले तथा सभी शस्त्रास्त्रोंके विशारद वे दोनों महाबाहु दैत्य बाष्कल तथा दुर्मुख समरांगणकी ओर चल पड़े ॥ १ ॥ इसके बाद वे … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 12(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःद्वादशोऽध्यायःदेवीके अट्टहाससे भयभीत होकर ताम्रका महिषासुरके पास भाग आना, महिषासुरका अपने मन्त्रियोंके साथ पुनः विचार-विमर्श तथा दुर्धर, दुर्मुख और बाष्कलकी गर्वोक्ति)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 12(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःद्वादशोऽध्यायःदेवीके अट्टहाससे भयभीत होकर ताम्रका महिषासुरके पास भाग आना, महिषासुरका अपने मन्त्रियोंके साथ पुनः विचार-विमर्श तथा दुर्धर, दुर्मुख और बाष्कलकी गर्वोक्ति) [अथ द्वादशोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- उस ताम्रकी वह बात सुनकर भगवती जगदम्बिका मेघके समान गम्भीर वाणीमें उससे हँसते हुए कहने लगीं ॥ १ ॥ देवी बोलीं- हे … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 11(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःअथैकादशोऽध्यायः महिषासुरका अपने मन्त्रियोंसे विचार-विमर्श करना और ताम्रको भगवतीके पास भेजना)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 11(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःअथैकादशोऽध्यायः महिषासुरका अपने मन्त्रियोंसे विचार-विमर्श करना और ताम्रको भगवतीके पास भेजना) [अथैकादशोऽध्यायः]   :-व्यासजी बोले – मन्त्रीकी यह बात सुनकर मदोन्मत्त राजा महिषासुर अपने वयोवृद्ध मन्त्रियोंको बुलाकर उनसे यह वचन कहने लगा ॥ १॥ राजा बोला- हे मन्त्रिगण! आपलोग निर्भीकता-पूर्वक मुझे शीघ्र बतायें कि इस समय मुझे … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 10(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःदशमोऽध्यायःदेवीद्वारा महिषासुरके अमात्यको अपना उद्देश्य बताना तथा अमात्यका वापस लौटकर देवीद्वारा कही गयी बातें महिषासुरको बताना)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 10(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःदशमोऽध्यायःदेवीद्वारा महिषासुरके अमात्यको अपना उद्देश्य बताना तथा अमात्यका वापस लौटकर देवीद्वारा कही गयी बातें महिषासुरको बताना)   [अथ दशमोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- हे महाराज ! उसकी यह बात सुनकर नारीश्रेष्ठ भगवती जोरसे हँसकर मेघके समान गम्भीर वाणीमें उससे कहने लगीं ॥ १ ॥ देवी बोलीं- हे मन्त्रिवर ! … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 9(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःनवमोऽध्यायःदेवताओंद्वारा भगवतीको आयुध और आभूषण समर्पित करना तथा उनकी स्तुति करना, देवीका प्रचण्ड अट्टहास करना, जिसे सुनकर महिषासुरका उद्विग्न होकर अपने प्रधान अमात्यको देवीके पास भेजना)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 9(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःनवमोऽध्यायःदेवताओंद्वारा भगवतीको आयुध और आभूषण समर्पित करना तथा उनकी स्तुति करना, देवीका प्रचण्ड अट्टहास करना, जिसे सुनकर महिषासुरका उद्विग्न होकर अपने प्रधान अमात्यको देवीके पास भेजना) [अथ नवमोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- [हे राजन् !] तब भगवान् विष्णुका यह वचन सुनकर सभी देवता बहुत प्रसन्न हुए। वे तुरंत महालक्ष्मीको … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 8(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःअथाष्टमोऽध्यायःब्रह्माप्रभृति समस्त देवताओंके शरीरसे तेजःपुंजका निकलना और उस तेजोराशिसे भगवतीका प्राकट्य)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 8(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःअथाष्टमोऽध्यायःब्रह्माप्रभृति समस्त देवताओंके शरीरसे तेजःपुंजका निकलना और उस तेजोराशिसे भगवतीका प्राकट्य) [अथाष्टमोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- हे राजन् ! उन देवताओंने शीघ्रतापूर्वक भगवान् विष्णुके प्रिय धाम वैकुण्ठमें पहुँचकर वहाँ उन श्रीहरिका विशाल सदन देखा, जो सम्पूर्ण शोभाओंसे युक्त तथा दिव्य महलोंसे सुशोभित था। सुन्दर तथा सुखदायक वह भवन सरोवर, … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 7(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःसप्तमोऽध्यायःमहिषासुरको अवध्य जानकर त्रिदेवोंका अपने-अपने लोक लौट जाना, देवताओंकी पराजय तथा महिषासुरका स्वर्गपर आधिपत्य, इन्द्रका ब्रह्मा और शिवजीके साथ विष्णुलोकके लिये प्रस्थान)

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 7(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःसप्तमोऽध्यायःमहिषासुरको अवध्य जानकर त्रिदेवोंका अपने-अपने लोक लौट जाना, देवताओंकी पराजय तथा महिषासुरका स्वर्गपर आधिपत्य, इन्द्रका ब्रह्मा और शिवजीके साथ विष्णुलोकके लिये प्रस्थान) [अथ सप्तमोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- [हे महाराज जनमेजय !] महिषासुरने समस्त दानवोंको खिन्नमनस्क देखकर महिषका वह रूप छोड़कर तत्काल सिंहका रूप धारण कर लिया ॥ १ … Read more

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 6(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःषष्ठोऽध्यायःभगवान् विष्णु और शिवके साथ महिषासुरका भयानक युद्ध) [अथ षष्ठोऽध्यायः]

Devi bhagwat puran skandh 5 chapter 6(श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण पञ्चमः स्कन्धःषष्ठोऽध्यायःभगवान् विष्णु और शिवके साथ महिषासुरका भयानक युद्ध) [अथ षष्ठोऽध्यायः] :-व्यासजी बोले- इस प्रकार दानव ताम्रके मूच्छित हो जानेपर महिषासुर कुपित हो गया और एक विशाल गदा लेकर देवताओंके समक्ष जा डटा ॥ १ ॥ हे देवताओ ! तुम सब ठहरो; मैं अभी अपनी गदासे तुम सभीको … Read more

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