Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 11(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:11 शिवपूजनकी विधि तथा उसका फल)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 11(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:11 शिवपूजनकी विधि तथा उसका फल) (अध्याय:11)  :-ऋषि बोले-व्यासशिष्य महाभाग सूतजी ! आपको नमस्कार है। आज आपने भगवान् शिवकी बड़ी अद्भुत एवं परम पावन कथा सुनायी है। दयानिधे ! ब्रह्मा और नारदजीके संवादके अनुसार आप हमें शिवपूजनकी वह विधि … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 10(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:10 श्रीहरिको सृष्टिकी रक्षाका भार एवं भोग-मोक्ष-दानका अधिकार दे भगवान् शिवका अन्तर्धान होना)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 10(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:10 श्रीहरिको सृष्टिकी रक्षाका भार एवं भोग-मोक्ष-दानका अधिकार दे भगवान् शिवका अन्तर्धान होना) (अध्याय:10)   :-परमेश्वर शिव बोले-उत्तम व्रतका पालन करनेवाले हरे ! विष्णो ! अब तुम मेरी दूसरी आज्ञा सुनो। उसका पालन करनेसे तुम सदा समस्त लोकोंमें माननीय … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 9 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:9 उमासहित भगवान् शिवका प्राकट्य, उनके द्वारा अपने स्वरूपका विवेचन तथा ब्रह्मा आदि तीनों देवताओंकी एकताका प्रतिपादन)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 9 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:9 उमासहित भगवान् शिवका प्राकट्य, उनके द्वारा अपने स्वरूपका विवेचन तथा ब्रह्मा आदि तीनों देवताओंकी एकताका प्रतिपादन) (अध्याय:9) :-ब्रह्माजी कहते हैं- नारद ! भगवान् विष्णुके द्वारा की हुई अपनी स्तुति सुनकर करुणानिधि महेश्वर बड़े प्रसन्न हुए और उमादेवीके … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 8 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:8 ब्रह्मा और विष्णुको भगवान् शिवके शब्दमय शरीरका दर्शन)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 8 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:8 ब्रह्मा और विष्णुको भगवान् शिवके शब्दमय शरीरका दर्शन) (अध्याय:8) :’ब्रह्माजी कहते हैं-मुनिश्रेष्ठ नारद ! इस प्रकार हम दोनों देवता गर्वरहित हो निरन्तर प्रणाम करते रहे। हम दोनोंके मनमें एक ही अभिलाषा थी कि इस ज्योतिर्लिंगके रूपमें प्रकट … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 7 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 7भगवान् विष्णुकी नाभिसे कमलका प्रादुर्भाव, शिवेच्छावश ब्रह्माजीका उससे प्रकट होना, कमलनालके उद्गमका पता लगानेमें असमर्थ ब्रह्माका तप करना, श्रीहरिका उन्हें दर्शन देना, विवादग्रस्त ब्रह्मा- विष्णुके बीचमें अग्नि-स्तम्भका प्रकट होना तथा उसके ओर- छोरका पता न पाकर उन दोनोंका उसे प्रणाम करना)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 7 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 7भगवान् विष्णुकी नाभिसे कमलका प्रादुर्भाव, शिवेच्छावश ब्रह्माजीका उससे प्रकट होना, कमलनालके उद्गमका पता लगानेमें असमर्थ ब्रह्माका तप करना, श्रीहरिका उन्हें दर्शन देना, विवादग्रस्त ब्रह्मा- विष्णुके बीचमें अग्नि-स्तम्भका प्रकट होना तथा उसके ओर- छोरका पता न पाकर उन … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 6 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 6 महाप्रलयकालमें केवल सद्ब्रह्मकी सत्ताका प्रतिपादन, उस निर्गुण- निराकार ब्रह्मसे ईश्वरमूर्ति (सदाशिव) का प्राकट्य, सदाशिवद्वारा स्वरूपभूता शक्ति (अम्बिका) का प्रकटीकरण, उन दोनोंके द्वारा उत्तम क्षेत्र (काशी या आनन्दवन) का प्रादुर्भाव, शिवके वामांगसे परम पुरुष (विष्णु) का आविर्भाव तथा उनके सकाशसे प्राकृत तत्त्वोंकी क्रमशः उत्पत्तिका वर्णन)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 6 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 6 महाप्रलयकालमें केवल सद्ब्रह्मकी सत्ताका प्रतिपादन, उस निर्गुण- निराकार ब्रह्मसे ईश्वरमूर्ति (सदाशिव) का प्राकट्य, सदाशिवद्वारा स्वरूपभूता शक्ति (अम्बिका) का प्रकटीकरण, उन दोनोंके द्वारा उत्तम क्षेत्र (काशी या आनन्दवन) का प्रादुर्भाव, शिवके वामांगसे परम पुरुष (विष्णु) का आविर्भाव … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 5 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 5 नारदजीका शिवतीर्थोंमें भ्रमण, शिवगणोंको शापोद्धारकी बात बताना तथा ब्रह्मलोकमें जाकर ब्रह्माजीसे शिवतत्त्वके विषयमें प्रश्न करना)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 5 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 5 नारदजीका शिवतीर्थोंमें भ्रमण, शिवगणोंको शापोद्धारकी बात बताना तथा ब्रह्मलोकमें जाकर ब्रह्माजीसे शिवतत्त्वके विषयमें प्रश्न करना) (अध्याय: 5) :-सूतजी कहते हैं-महर्षियो ! भगवान् श्रीहरिके अन्तर्धान हो जानेपर मुनिश्रेष्ठ नारद शिवलिंगोंका भक्तिपूर्वक दर्शन करते हुए पृथ्वीपर विचरने लगे। … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 4 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 4 नारदजीका भगवान् विष्णुको क्रोधपूर्वक फटकारना और शाप देना; फिर मायाके दूर हो जानेपर पश्चात्तापपूर्वक भगवान्‌के चरणोंमें गिरना और शुद्धिका उपाय पूछना तथा भगवान् विष्णुका उन्हें समझा-बुझाकर शिवका माहात्म्य जाननेके लिये ब्रह्माजीके पास जानेका आदेश और शिवके भजनका उपदेश देना)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 4 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 4 नारदजीका भगवान् विष्णुको क्रोधपूर्वक फटकारना और शाप देना; फिर मायाके दूर हो जानेपर पश्चात्तापपूर्वक भगवान्‌के चरणोंमें गिरना और शुद्धिका उपाय पूछना तथा भगवान् विष्णुका उन्हें समझा-बुझाकर शिवका माहात्म्य जाननेके लिये ब्रह्माजीके पास जानेका आदेश और शिवके … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 3 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 3 मायानिर्मित नगरमें शीलनिधिकी कन्यापर मोहित हुए नारदजीका भगवान् विष्णुसे उनका रूप माँगना, भगवान्‌का अपने रूपके साथ उन्हें वानरका-सा मुँह देना, कन्याका भगवान्‌को वरण करना और कुपित हुए नारदका शिवगणोंको शाप देना)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 3 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय: 3 मायानिर्मित नगरमें शीलनिधिकी कन्यापर मोहित हुए नारदजीका भगवान् विष्णुसे उनका रूप माँगना, भगवान्‌का अपने रूपके साथ उन्हें वानरका-सा मुँह देना, कन्याका भगवान्‌को वरण करना और कुपित हुए नारदका शिवगणोंको शाप देना) :-सूतजी कहते हैं- महर्षियो ! … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 1 or 2 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड प्रथम अध्याय: प्रश्नके उत्तरमें नारद-ब्रह्म-संवादकी अवतारणा करते हुए सूतजीका उन्हें नारदमोहका प्रसंग सुनाना; कामविजयके गर्वसे युक्त हुए नारदका शिव, ब्रह्मा तथा विष्णुके पास जाकर अपने तपका प्रभाव बताना)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 1 or 2 (शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड प्रथम अध्याय: प्रश्नके उत्तरमें नारद-ब्रह्म-संवादकी अवतारणा करते हुए सूतजीका उन्हें नारदमोहका प्रसंग सुनाना; कामविजयके गर्वसे युक्त हुए नारदका शिव, ब्रह्मा तथा विष्णुके पास जाकर अपने तपका प्रभाव बताना)   विश्वोद्भवस्थितिलयादिषु हेतुमेकं गौरीपतिं विदिततत्त्वमनन्तकीर्तिम् । मायाश्रयं विगतमायमचिन्त्यरूपं … Read more

error: Content is protected !!