Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 6(शिव पुराण रुद्रसंहिता सती सृष्टि खंड अध्याय:6 संध्याकी तपस्या, उसके द्वारा भगवान् शिवकी स्तुति तथा उससे संतुष्ट हुए शिवका उसे अभीष्ट वर दे मेधातिथिके यज्ञमें भेजनाब्रह्माजी कहते हैं- मेरे पुत्रोंमें श्रेष्ठ)

(रुद्रसंहिता, द्वितीय (सती) खण्ड)) Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 6(शिव पुराण रुद्रसंहिता सती सृष्टि खंड अध्याय:6 संध्याकी तपस्या, उसके द्वारा भगवान् शिवकी स्तुति तथा उससे संतुष्ट हुए शिवका उसे अभीष्ट वर दे मेधातिथिके यज्ञमें भेजनाब्रह्माजी कहते हैं- मेरे पुत्रोंमें श्रेष्ठ) (अध्याय:6) महाप्राज्ञ नारद ! तपस्याके नियमका उपदेश दे जब वसिष्ठजी अपने घर चले … Read more

Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 3 to 5(शिव पुराण रुद्रसंहिता सती सृष्टि खंड अध्याय:3 से 5 कामदेवके नामोंका निर्देश, उसका रतिके साथ विवाह तथा कुमारी संध्याका चरित्र – वसिष्ठ मुनिका चन्द्रभाग पर्वतपर उसको तपस्याकी विधि बताना)

(रुद्रसंहिता, द्वितीय (सती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 3 to 5(शिव पुराण रुद्रसंहिता सती सृष्टि खंड अध्याय:3 से 5 कामदेवके नामोंका निर्देश, उसका रतिके साथ विवाह तथा कुमारी संध्याका चरित्र – वसिष्ठ मुनिका चन्द्रभाग पर्वतपर उसको तपस्याकी विधि बताना) (अध्याय:3 से 5) :-ब्रह्माजी कहते हैं-मुने ! तदनन्तर मेरे अभिप्रायको जाननेवाले मरीचि आदि … Read more

Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 1 or 2(शिव पुराण रुद्रसंहिता सती सृष्टि खंड अध्याय:1और 2नारदजीके प्रश्न और ब्रह्माजीके द्वारा उनका उत्तर, सदाशिवसे त्रिदेवोंकी उत्पत्ति तथा ब्रह्माजीसे देवता आदिकी सृष्टिके पश्चात् एक नारी और एक पुरुषका प्राकट्य)

(रुद्रसंहिता, द्वितीय (सती) खण्ड) Shiv puran rudra samhita sati khand chapter 1 or 2(शिव पुराण रुद्रसंहिता सती सृष्टि खंड अध्याय:1 और 2 नारदजीके प्रश्न और ब्रह्माजीके द्वारा उनका उत्तर, सदाशिवसे त्रिदेवोंकी उत्पत्ति तथा ब्रह्माजीसे देवता आदिकी सृष्टिके पश्चात् एक नारी और एक पुरुषका प्राकट्य) (अध्याय:1) :-नारदजी बोले-महाभाग ! महाप्रभो ! विधातः ! आपके मुखारविन्दसे मंगल- … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 18(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:18 भगवान् शिवका कैलास पर्वतपर गमन तथा सृष्टिखण्डका उपसंहार)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 18(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:18 भगवान् शिवका कैलास पर्वतपर गमन तथा सृष्टिखण्डका उपसंहार) (अध्याय:18) :-ब्रह्माजी कहते हैं- नारद ! मुने ! कुबेरके तपोबलसे भगवान् शिवका जिस प्रकार पर्वतश्रेष्ठ कैलासपर शुभागमन हुआ, वह प्रसंग सुनो। कुबेरको वर देनेवाले विश्वेश्वर शिव जब उन्हें निधिपति होनेका … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 17(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:17 यज्ञदत्तकुमारको भगवान् शिवकी कृपासे कुबेरपदकी प्राप्ति तथा उनकी भगवान् शिवके साथ मैत्री)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 17(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:17 यज्ञदत्तकुमारको भगवान् शिवकी कृपासे कुबेरपदकी प्राप्ति तथा उनकी भगवान् शिवके साथ मैत्री) (अध्याय:17) :-सूतजी कहते हैं-मुनीश्वरो ! ब्रह्माजीकी यह बात सुनकर नारदजीने विनयपूर्वक उन्हें प्रणाम किया और पुनः पूछा- ‘भगवन्! भक्तवत्सल भगवान् शंकर कैलास पर्वतपर कब गये और … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 16(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:16 स्वायम्भुव मनु और शतरूपाकी, ऋषियोंकी तथा दक्षकन्याओंकी संतानोंका वर्णन तथा सती और शिवकी महत्ताका प्रतिपादन)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 16(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:16 स्वायम्भुव मनु और शतरूपाकी, ऋषियोंकी तथा दक्षकन्याओंकी संतानोंका वर्णन तथा सती और शिवकी महत्ताका प्रतिपादन) (अध्याय:16) ब्रह्माजी कहते हैं- नारद ! तदनन्तर मैंने शब्दतन्मात्रा आदि सूक्ष्म-भूतोंको स्वयं ही पंचीकृत करके अर्थात् उन पाँचोंका परस्पर सम्मिश्रण करके उनसे स्थूल … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 15(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:15 सृष्टिका वर्णन)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 15(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:15 सृष्टिका वर्णन) (अध्याय:15) :-तदनन्तर नारदजीके पूछनेपर ब्रह्माजी बोले-मुने ! हमें पूर्वोक्त आदेश देकर जब महादेवजी अन्तर्धान हो गये, तब मैं उनकी आज्ञाका पालन करनेके लिये ध्यानमग्न हो कर्तव्यका विचार करने लगा। उस समय भगवान् शंकरको नमस्कार करके श्रीहरिसे … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 14(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:14 विभिन्न पुष्पों, अन्नों तथा जलादिकी धाराओंसे शिवजीकी पूजाका माहात्म्य)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 14(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:14 विभिन्न पुष्पों, अन्नों तथा जलादिकी धाराओंसे शिवजीकी पूजाका माहात्म्य) (अध्याय:14) :-ब्रह्माजी बोले-नारद ! जो लक्ष्मी- प्राप्तिकी इच्छा करता हो, वह कमल, बिल्वपत्र, शतपत्र और शंखपुष्पसे भगवान् शिवकी पूजा करे। ब्रह्मन् ! यदि एक लाखकी संख्यामें इन पुष्पोंद्वारा भगवान् … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 13(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:13 शिवपूजनकी सर्वोत्तम विधिका वर्णन)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 13(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:13 शिवपूजनकी सर्वोत्तम विधिका वर्णन) (अध्याय:13)   :-ब्रह्माजी कहते हैं-अब मैं पूजाकी सर्वोत्तम विधि बता रहा हूँ, जो समस्त अभीष्ट तथा सुखोंको सुलभ करानेवाली है। देवताओ तथा ऋषियो ! तुम ध्यान देकर सुनो। उपासकको चाहिये कि वह ब्राह्ममुहूर्तमें शयनसे … Read more

Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 12(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:12 भगवान् शिवकी श्रेष्ठता तथा उनके पूजनकी अनिवार्य आवश्यकताका प्रतिपादन)

(रुद्रसंहिता, प्रथम (सृष्टि) खण्ड) Shiv puran rudra samhita srishti khand chapter 12(शिव पुराण रुद्रसंहिता सृष्टि खंड अध्याय:12 भगवान् शिवकी श्रेष्ठता तथा उनके पूजनकी अनिवार्य आवश्यकताका प्रतिपादन) (अध्याय:12) :-नारदजी बोले- ब्रह्मन् ! प्रजापते ! आप धन्य हैं; क्योंकि आपकी बुद्धि भगवान् शिवमें लगी हुई है। विधे! आप पुनः इसी विषयका सम्यक् प्रकारसे विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिये। ब्रह्माजीने … Read more

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