चाणक्य नीति सत्रहवां अध्याय:Chanakya Niti chapter 17.
चाणक्य नीति सत्रहवां अध्याय:Chanakya Niti chapter 17. (सत्रहवां अध्याय) पुस्तकं प्रत्याधीतं नाधीतं गुरुसन्निधौ । सभामध्ये न शोभन्ते जारगर्भा इव स्त्रियः ।। अर्थ– वह विद्वान जिसने असंख्य किताबो का अध्ययन बिना सदगुरु के आशीर्वाद से कर लिया वह विद्वानों की सभा में एक सच्चे विद्वान के रूप में नहीं चमकता है. उसी प्रकार जिस प्रकार एक … Read more