Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 15 (देवी भागवत पुराण प्रथम स्कंध: पञ्चदशोऽध्यायः शुकदेवजीका विवाहके लिये अस्वीकार करना तथा व्यासजीका उनसे श्रीमद्देवीभागवत पढ़नेके लिये कहना)
Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 15 (देवी भागवत पुराण प्रथम स्कंध:पञ्चदशोऽध्यायःशुकदेवजीका विवाहके लिये अस्वीकार करना तथा व्यासजीका उनसे श्रीमद्देवीभागवत पढ़नेके लिये कहना) (अथ पञ्चदशोऽध्यायः) -श्रीशुकदेवजी बोले- हे पिताजी ! सर्वदा दुःख देनेवाले गृहस्थाश्रमको मैं कभी स्वीकार नहीं करूँगा; क्योंकि [पशु-पक्षियोंको फँसानेवाले] जालके समान यह आश्रम सभी मानवोंके लिये सदा बन्धनस्वरूप है ॥ १ ॥ … Read more