गरुड़ पुराण-सारोद्धार दूसरा अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 2.

॥ श्रीहरिः ॥ (गरुड़ पुराण-सारोद्धार) (दूसरा अध्याय) गरुड़ पुराण-सारोद्धार दूसरा अध्याय:-garud puran saroddhar chapter 2.   (दूसरा अध्याय) यममार्गकी यातनाओंका वर्णन, वैतरणी नदीका स्वरूप, यममार्गके सोलह पुरोंमें क्रमशः गमन तथा वहाँ पुत्रादिकोंद्वारा दिये गये पिण्डदानको ग्रहण करना   गरुड़ जी ने कहा – हे केशव ;- यमलोक का मार्ग किस प्रकार दु:खदायी होता है। पापी … Read more

विदुर नीति  पाँचवाँ अध्याय :-Vidur niti chapter 5.

विदुर नीति  पाँचवाँ अध्याय :-Vidur niti chapter 5. विदुर उवाच । सप्तदशेमान्राजेन्द्र मनुः स्वायम्भुवोऽब्रवीत् । वैचित्रवीर्य पुरुषानाकाशं मुष्टिभिर्घ्नतः ॥ १ ॥ तानेविन्द्रस्य हि धनुरनाम्यं नमतोऽब्रवीत् । अथो मरीचिनः पादाननाम्यान्नमतस्तथा ॥ २ ॥ यश्चाशिष्यं शासति यश् च कुप्यते यश्चातिवेलं भजते द्विषन्तम् । स्त्रियश्च योऽरक्षति भद्रमस्तु ते यश्चायाच्यं याचति यश् च कत्थते ॥ ३ ॥ यश्चाभिजातः प्रकरोत्यकार्यं … Read more

Valmiki ramayan balkand sarg 5

वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग 5 हिंदी अर्थ सहित | Valmiki Ramayana Balakanda Chapter 5 ॥ श्रीसीतारामचन्द्राभ्यां नमः ॥ श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण बालकाण्डम् पञ्चमः सर्गः (सर्ग 5) ( राजा दशरथ द्वारा सुरक्षित अयोध्यापुरी का वर्णन ) सर्वा पूर्वमियं येषामासीत् कृत्स्ना वसुंधरा। प्रजापतिमुपादाय नृपाणां जयशालिनाम्॥१॥ यह सारी पृथ्वी पूर्वकालमें प्रजापति मनु से लेकर अब तक जिस वंशके विजयशाली नरेशों के … Read more

Shiv puran kailash samhita chapter 23 (शिवपुराण  कैलाससंहिता  संहिता अध्याय 23 यतिके द्वादशाह-कृत्यका वर्णन, स्कन्द और वामदेवका कैलास पर्वतपर जाना तथा सूतजीके द्वारा इस संहिताका उपसंहार)

(कैलाससंहिता) Shiv puran kailash samhita chapter 23 (शिवपुराण  कैलाससंहिता  संहिता अध्याय 23 यतिके द्वादशाह-कृत्यका वर्णन, स्कन्द और वामदेवका कैलास पर्वतपर जाना तथा सूतजीके द्वारा इस संहिताका उपसंहार) :-स्कन्दजी कहते हैं- वामदेव ! बारहवें दिन प्रातःकाल उठकर श्राद्धकर्ता पुरुष स्नान और नित्यकर्म करके शिवभक्तों, यतियों अथवा शिवके प्रति प्रेम रखनेवाले ब्राह्मणोंको निमन्त्रित करे। मध्याह्नकालमें स्नान करके … Read more

Devi bhagwat puran skandh 6 chapter 24 (श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण षष्ठः स्कन्ध:चतुर्विंशोऽध्यायः धृतराष्ट्रके जन्मकी कथा)

Devi bhagwat puran skandh 6 chapter 24 (श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण षष्ठः स्कन्ध:चतुर्विंशोऽध्यायः धृतराष्ट्रके जन्मकी कथा) (अथ चतुर्विंशोऽध्यायः ) :-राजा बोले- हे भगवन् ! आपके मुखार- विन्दसे निर्गत इस अमृततुल्य दिव्य कथारसका निरन्तर पान करते रहनेपर भी मैं तृप्त नहीं हो पा रहा हूँ ॥ १॥ आपके द्वारा मुझसे यह विचित्र आख्यान • विस्तारपूर्वक कहा गया; हैहयवंशी राजाओंकी … Read more

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 15 (देवी भागवत पुराण प्रथम स्कंध: पञ्चदशोऽध्यायः शुकदेवजीका विवाहके लिये अस्वीकार करना तथा व्यासजीका उनसे श्रीमद्देवीभागवत पढ़नेके लिये कहना)

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 15 (देवी भागवत पुराण प्रथम स्कंध:पञ्चदशोऽध्यायःशुकदेवजीका विवाहके लिये अस्वीकार करना तथा व्यासजीका उनसे श्रीमद्देवीभागवत पढ़नेके लिये कहना) (अथ पञ्चदशोऽध्यायः) -श्रीशुकदेवजी बोले- हे पिताजी ! सर्वदा दुःख देनेवाले गृहस्थाश्रमको मैं कभी स्वीकार नहीं करूँगा; क्योंकि [पशु-पक्षियोंको फँसानेवाले] जालके समान यह आश्रम सभी मानवोंके लिये सदा बन्धनस्वरूप है ॥ १ ॥ … Read more

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 11(देवी भागवत पुराण प्रथम स्कन्ध:एकादश अध्याय: बुधके जन्मकी कथा)

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 11(देवी भागवत पुराण प्रथम स्कन्ध:एकादश अध्याय: बुधके जन्मकी कथा) [अथैकादशोऽध्यायः] ऋषिगण बोले- हे सूतजी ! वे राजा पुरूरवा कौन थे तथा वह देवकन्या उर्वशी कौन थी ? उस मनस्वी राजाने किस प्रकार संकट प्राप्त किया ? ॥ १ ॥ हे लोमहर्षणतनय ! आप इस समय पूरा कथानक विस्तारपूर्वक कहें। … Read more

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 5 (देवी भागवत पुराण प्रथम स्कन्ध:पञ्चमोऽध्यायः भगवती लक्ष्मीके शापसे विष्णुका मस्तक कट जाना, वेदोंद्वारा स्तुति करनेपर देवीका प्रसन्न होना, भगवान् विष्णुके हयग्रीवावतारकी कथा)

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 5 (देवी भागवत पुराण प्रथम स्कन्ध:पञ्चमोऽध्यायः भगवती लक्ष्मीके शापसे विष्णुका मस्तक कट जाना, वेदोंद्वारा स्तुति करनेपर देवीका प्रसन्न होना, भगवान् विष्णुके हयग्रीवावतारकी कथा) [अथ पञ्चमोऽध्यायः]   ऋषिगण बोले- हे सूतजी ! हमारा चित्त सन्देहरूपी सागरमें पूर्णतः डूबता जा रहा है; क्योंकि आपने महान् आश्चर्यजनक तथा संसारको विस्मित कर देनेवाली … Read more

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 3 purano ke name(देवी भागवत पुराण प्रथम स्कंध: तृतीयोऽध्यायःसूतजीद्वारा पुराणोंके नाम तथा उनकी श्लोकसंख्याका कथन, उपपुराणों तथा प्रत्येक द्वापरयुगके व्यासोंका नाम)

Devi bhagwat puran skandh 1 chapter 2 purano ke name(देवी भागवत पुराण प्रथम स्कंध: तृतीयोऽध्यायःसूतजीद्वारा पुराणोंके नाम तथा उनकी श्लोकसंख्याका कथन, उपपुराणों तथा प्रत्येक द्वापरयुगके व्यासोंका नाम) [अथ तृतीयोऽध्यायः] सूतजी बोले – हे मुनिवरो ! अब आपलोग एक अन्य इतिहास सुनिये, जिसमें इस देवीभागवतके माहात्म्यका वर्णन किया गया है ॥ १ ॥ एक बार कुम्भयोनि … Read more

Devi bhagwat mahima chapter 3(देवी भागवत पुराण माहात्म्य तृतीयोऽध्यायःश्रीमद्देवीभागवतके माहात्म्यके प्रसंगमें राजा सुद्युम्नकी कथा)

Devi bhagwat mahima chapter 3(देवी भागवत पुराण  माहात्म्यके प्रसंगमें राजा सुद्युम्नकी कथा) [अथ तृतीयोऽध्यायः] सूतजी बोले – हे मुनिवरो ! अब आपलोग एक अन्य इतिहास सुनिये, जिसमें इस देवीभागवतके माहात्म्यका वर्णन किया गया है ॥ १ ॥ एक बार कुम्भयोनि लोपामुद्रापति महर्षि अगस्त्यने कुमार कार्तिकेयके पास जाकर उनकी भलीभाँति पूजा करके उनसे विविध प्रकारकी बातें … Read more

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