चाणक्य नीति ग्यारहवां अध्याय:-Chanakya Niti chapter 11.
चाणक्य नीति ग्यारहवां अध्याय:-Chanakya Niti chapter 11. ( ग्यारहवां अध्याय) दातृत्वं प्रियवक्तृत्वं धीरत्वमुचितज्ञता । अभ्यासेन न लभ्यन्ते चत्वारः सहजा गुणाः ।।१।। अर्थ– उदारता, वचनों में मधुरता, साहस, आचरण में विवेक ये बाते कोई पा नहीं सकता ये मूल में होनी चाहिए. Meaning– Generosity, pleasing address, courage and propriety of conduct are not acquired, but are … Read more